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UP Election 2022 : मतगणना से पहले चुनाव आयोग पहुंची बीजेपी, बोली-अखिलेश का बयान लोकतंत्र के लिए खतरनाक

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Elections 2022) के नतीजों से पहले केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) की अगुवाई में बीजेपी (BJP) का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को चुनाव आयोग पहुंचा। चुनाव आयोग से मिलने के बाद धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, यूपी में गुरुवार 10 मार्च को होने वाली मतगणना से पहले ही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को हार का डर सताने लगा है। चुनाव में हार से हताशा में यादव आपा खो रहे हैं। उनकी हताशा उनके बयानों में साफ दिखाई देने लगी है। धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने कहा कि अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav)   ने जिस भाषा का सार्वजनिक तौर पर प्रयोग किया है, उससे साफ है कि वह हार से डर गए हैं।

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केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan)  ने कहा कि अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav)  ने संविधानिक प्रक्रिया और अधिकारियों को चुनौती देने की कोशिश की है। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav)   जिस तरह की भाषा का इस्‍तेमाल कर रहे हैं उसे सुनने के बाद ऐसा लगता है कि वह धमकी दे रहे हैं। इस तरह की भाषा का इस्‍तेमाल करना लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। उन्‍होंने कहा कि सभी को पता है कि वाराणसी में क्‍या हुआ था? ईवीएम सभी पार्टियों के प्रतिनिधियों के हस्‍ताक्षर के बाद ही स्‍ट्रांग रूम में रखी गई है। हर स्‍ट्रांग रूम की सीसीटीवी (CCTV) से निगरानी की जा रही है। चुनाव आयोग किसी भी मुद्दे पर संज्ञान लेने के लिए पूरी तरह से स्‍वतंत्र है।

बता दें कि समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav)  ने आरोप लगाया है कि एग्जिट पोल इसलिए ऐसा दिखा रहे हैं, ताकि वोटों की चोरी को छुपाया जा सके। यादव ने कहा कि प्रमुख सचिव जिले के डीएम पर दबाव डाल रहे हैं। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav)  ने कहा कि ये लोकतंत्र का आखिरी चुनाव है। सभी नागरिकों को लोकतंत्र बचाने के लिए साथ आना चाहिए। उन्होंने कहा कि सच्चे अधिकारी और पुलिस के लोग भी लोकतंत्र बचाने के लिए आगे आएं,क्योंकि अगर इस बार लोकतंत्र नहीं बचा तो इसके बाद जनता को क्रांति ही करनी पड़ेगी।

यादव ने आरोप लगाया था कि वाराणसी में ईवीएम (EVM) के जरिए वोटों की चोरी की जा रही है।. उन्होंने कहा कि तीन ट्रकों में ईवीएम (EVM)  को ट्रांसपोर्ट किया जा रहा था, जिसमें से एक ट्रक को पकड़ लिया गया है। उसके साथ किसी भी अधिकारी की गाड़ी नहीं चल रही थी, जबकि चुनाव आयोग के निर्देशों के मुताबिक अगर रिजर्व ईवीएम (EVM)  को भी ट्रांसपोर्ट किया जाएगा तो उसके साथ सुरक्षा होनी चाहिए।

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