UP Election 2022 : बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को बुधवार को एमपीएमएलए (MPMLA) कोर्ट से गैंगेस्टर एक्ट में जमानत मिल गई है। एमपीएमएलए कोर्ट (MPMLA Court) ने बांदा जेल अधीक्षक (Banda jail) से तुरंत रिहा करने के आदेश दिए हैं। एक लाख के निजी मुचलके पर रिहा करने के आदेश दिए हैं।
पढ़ें :- Bihar News: पटना में बीपीएससी अभ्यार्थियों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज, दौड़ा-दौड़कर पीटा
हालांकि, मुख्तार अंसारी के खिलाफ दूसरे मुकदमे भी लंबित हैं, इसलिए अंसारी को अभी जेल में ही रहना होगा। बता दें कि मुख्तार अंसारी को साल 2010 में मऊ के दक्षिण टोला थाने में दर्ज केस में एमपी एमएलए कोर्ट ने एक लाख रुपए के मुचलके पर जमानत दी है। न्यायाधीश दिनेश चौरसिया ने यह आदेश जारी किया है। चूंकि गैंगस्टर एक्ट में अधिकतम सजा 10 साल की है। मुख्तार इस मुकदमे के दर्ज होने के बाद से लगातार जेल में है।
तो वहीं जेल अधीक्षक की तरफ से बताया गया कि अपराध संख्या 891 सन 2010 एसटी नंबर 2/12 में 09 सितंबर 2011 से मुख्तार अंसारी अब तक जेल में बंद हैं, जबकि इस मामले में अधिकतम 10 वर्ष की सजा का प्रावधान है। लेकिन उससे ज्यादा समय से भी वह उक्त मामले में वह जेल में कैद है।
यह भी कहा गया कि इस मामले में अंसारी की निरुद्ध होना अब वैधानिक नहीं है। इसी को लेकर गैंगेस्टर एक्ट के इस मुकदमे में मुख्तार अंसारी को रिहा करने का मऊ एमपी-एमएलए कोर्ट ने यह आदेश दिया है। जबकि इस मामले में अधिकतम सजा 10 साल की है।
लेकिन मुख्तार अंसारी पर अभी दो गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे, अजय राय पर जानलेवा हमला और मन्ना सिंह हत्याकांड के गवाह की हत्या समेत तमाम मुकदमे लंबित हैं, जिन पर फैसला आना बाकी है, इसलिए अंसारी को अभी जेल में ही रहना होगा।