Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. UP Electricity Workers Strike : बिजली कर्मियों की हड़ताल के बीच उर्जा मंत्री बोले- सेवाएं समाप्त कर नए लोगों की जाए भर्ती

UP Electricity Workers Strike : बिजली कर्मियों की हड़ताल के बीच उर्जा मंत्री बोले- सेवाएं समाप्त कर नए लोगों की जाए भर्ती

By संतोष सिंह 
Updated Date

UP Electricity Workers Strike : यूपी में सरकार और बिजलीकर्मियों के बीच टकराव बढ़ता नजर आ रहा है। गुरूवार रात 10 बजे से बिजलीकर्मी हड़ताल पर चले गए हैं। ये स्ट्राइक अगले तीन दिनों तक चलेगा। सरकार की ओर से सख्त चेतावनी आने के बाद विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने कहा कि शांतिपूर्ण आंदोलन के दौरान यदि किसी भी कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया तो अनिश्चितकालीन हड़ताल के साथ जेल भरो आंदोलन किया जाएगा।

पढ़ें :- India Visit : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जल्द करेंगे भारत का दौरा, क्रेमलिन प्रवक्ता ने दी जानकारी

बता दें कि यूपी के करीब 1 लाख बिजलीकर्मी हड़ताल पर हैं। इनमें अभियंता, कनिष्ठ अभियंता, टेक्नीशियन, ऑपरेटिंग स्टॉफ, लिपिक और संविदा कर्मचारी शामिल हैं। प्रदेश में करीब 23 साल बाद बिजलीकर्मी पूर्ण रूप से कार्य बहिष्कार पर हैं।

ऊर्जा मंत्री बोले-सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की स्थिति में एनएसए और एस्मा के तहत एक्शन लिया जाएगा

उर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा (Energy Minister Arvind Kumar Sharma) ने कहा है कि 33 KVA की लाइन को गन्ने का गेडा फेंक कर क्षतिग्रस्त किया गया है। ऐसी हरकतों से प्रशासन-पुलिस सख़्ती से निपटे। यह सरकारी कार्य में रुकावट, आवश्यक सेवा में बाधा के साथ राष्ट्रीय संपत्ति का नुक़सान है। यह आउटसोर्स कर्मी कर रहे हों तो सेवा समाप्त कर नये लोगों को लिया जाये।

बिजली कर्मचारियों के हड़ताल के सामने सरकार झूकने के मूड में नजर नहीं आ रही है। ऊर्जा मंत्री ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि कार्यों में व्यवधान डालने, कार्मिक के साथ दुर्व्यहार करने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की स्थिति में एनएसए और एस्मा के प्रावधानों के तहत एक्शन लिया जाएगा। हड़ताल को देखते हुए पीएसी तैनात कर दी गई है। प्रयागराज, महोबा और महाराजगंज समेत कई जिलों से नेताओं और कर्मचारियों की गिरफ्तारी की भी खबर है।

राष्ट्रीय संपत्ति का नुक़सान करने वालों के खिलाफ कार्यवाही का आदेश

कुछ विद्युत कर्मियों ने आपूर्ति/उत्पादन बाधित करने का दुष्कृत्य किया। वहीं जनसेवी कर्मियों ने उसे रातभर जागकर दुरुस्त किया। लोगों को तकलीफ़ देने वाले व राष्ट्रीय संपत्ति का नुक़सान करने वालों के ख़िलाफ़ सख़्त से सख़्त पुलिस-प्रशासनिक कार्यवाही हो।

‘बाधा डालने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा’

उर्जा मंत्री ने सख्त लहजे में कहा कि यदि बिजली आपूर्ति में जानबूझकर अपने कुकृत्य द्वारा बाधा पहुंचाने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा। जनसेवा में लगे बहादुरों को बहुत-बहुत धन्यवाद। रात के डेढ़ बजे भी उनको नमन।

गोरखपुर में 33/11 KV के फीडर ब्रेक डाउन

गोरखपुर के विद्युत उपकेंद्रों की सप्लाई पूरी तरह बाधित और साथ ही साथ गोरखपुर शहर के बहुत सारे 11 kv के फीडर ब्रेकडाउन हैं। जिनमें मछली गांव, कैंपियरगंज ग्रामीण, सोनौरा, पीपीगंज, नेतवर, सिंघोरवा, जंगल कौड़िया, सरहरी, एफसीआई, गोरखपुर, कैंपियरगंज तहसील, अमहिया, चौरीचौरा, मुंडेरा, खुटहन, सरदारनगर, जगदीशपुर, नैयापर, भटहट, बड़हलगंज, डेरवा, पादरी बाजार, घघसरा , पाली, खजनी, सहजनवां तहसील, सहजनवां ग्रामीण, अहिरौली, चैनपुर, कल्याणपुर मठिया, बांसगांव ग्रामीण, बांसगांव तहसील, बिधनापर, धुरियापार, रानीपुर, कौड़ीराम, हरपुर अनंतपुर, गोला बाजार, गोला तहसील, हरिहरपुर, नौसढ़, सेवई, खजनी तहसील शामिल हैं।

पढ़ें :- Vinod Tawde Video : महाराष्ट्र चुनाव में BJP नेता विनोद तावडे पर पैसे बांटने का आरोप, बहुजन विकास अघाड़ी के कार्यकर्ताओं ने काटा हंगामा

प्रयागराज में विद्युत आपूर्ति की रिपोर्ट

विद्युत उपकेन्द्र गौरा पूर्ण रूप से बंद। विद्युत उपकेंद्र बारा पूर्ण रुप से बंद 3 विद्युत उपकेंद्र बारा तहसील पूर्ण रुप से बंद। विद्युत उपकेंद्र भीटा पूर्ण रुप से बंद। विद्युत उपकेंद्र लालापुर पूर्ण रुप से बंद। विद्युत उपकेंद्र गौहानिया पूर्ण रूप से बंद। विद्युत उपकेंद्र ओल्ड खुशारूबाग पूर्ण रुप से बंद। विद्युत उपकेंद्र इंदलपुर पूर्ण रूप से बंद। इलाहाबाद फीडर और छिबैया फीडर पूर्ण रुप से बंद। विद्युत उपकेंद्र लेडियारी पूर्ण रुप से बंद। विद्युत उपकेंद्र कल्याणी देवी का ककहरा घाट और अटाला फिटर बंद। विद्युत उपकेंद्र न्यूज़ हलवा का आइटीबीपी फीडर बंद। विद्युत उपकेंद्र लाल तारा पूर्ण रुप से बंद। विद्युत उप केंद्र तेलियरगंज का एक फीडर बंद। मोहम्मद अली पार्क की एक इनकमिंग बंद। विद्युत उपकेंद्र अल्लापुर बाघंबरी फीडर बंद। विद्युत उपकेंद्र बक्शी बांध का नाग वासुकी फीडर बंद। विद्युत उपकेंद्र जेल रोड का स्टोर फीडर बंद। विद्युत उपकेंद्र रामबाग के तीन फीडर बंद। विद्युत उपकेंद्र शांतिपुरम का एक फीडर बंद। विद्युत उपकेंद्र त्रिवेणीपुरम झूसी पूर्ण रुप से बंद। विद्युत उप केंद्र फतेहपुर कायस्थान पूर्ण रुप से बंद। हंडिया तहसील की सप्लाई बंद। विद्युत उपकेंद्र जारी पूर्ण रूप से बंद। विद्युत उप केंद्र चंपापुर पूर्ण रुप से बंद।

हड़ताल से लोगों को हो रही परेशानी

विद्युत कर्मचारियों की हड़ताल जारी है। कर्मचारियों के हड़ताल करने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हड़ताल कर रहे कर्मचारियों ने ऊर्जा मंत्री पर लगाया शोषण करने का आरोप लगाया है। 15 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है। ललितपुर में सदर कोतवाली के विधुत विभाग में प्रदर्शन चल रहा है।

1030 मेगावाट बिजली उत्पादन ठप्प, हड़ताल के चलते इकाइयां बन्द होना शुरू

ओबरा, अनपरा और हरदुआगंज में संध्या पाली के बिजली कर्मियों को लगातार 16 घण्टे जबरन रोककर कार्य कराया गया। भूखे प्यासे बिजली कर्मियों को एक प्रकार से बंधक बनाकर कार्य कराया गया। अनपरा ताप बिजली घर में 16 घंटे की ड्यूटी से थके बिजली कर्मी कंट्रोल रूम में जमीन पर लेटकर आराम कर रहे हैं। ओबरा ताप बिजली घर में 200 मेगावॉट क्षमता की 9 व 11 नम्बर इकाइयां बिजली कर्मियों की उपलब्धता न होने के कारण बन्द की जा रही हैं। आनपारा में 210 मेगावॉट क्षमता की 1 व 2 नंबर इकाइयां बन्द की जा रही हैं। ओबरा व आनपारा में अन्य इकाइयों का संचालन एनटीपीसी के लोग कर रहे हैं। पारिछा में सभी बिजली कर्मी बाहर आ गए हैं। इकाइयों का संचालन रिलायंस व बजाज के लोग कर रहे हैं। पारिछा में 210 मेगावॉट की 4 नंबर इकाई बंद कर दी गई है। हरदुआगंज में एनटीपीसी के लोग आ गए हैं किंतु 660 मेगावॉट की इकाई पर बिजली कर्मियों को 16 घंटे से रोक कर रखा गया था। अब हरदुआगंज में भी सभी बिजली कर्मी बाहर आ गए हैं। इस प्रकार 16-17 घंटे के बाद सभी ताप बिजली घरों से सभी बिजली कर्मी बाहर आ गए हैं और शत प्रतिशत हड़ताल है। बिजली कर्मियों की हड़ताल के चलते 1030 मेगावॉट क्षमता की इकाइयां अब तक ठप्प हो गई हैं।

संस्थापित क्षमता

अनपरा 2630 मेगावाट

ओबरा 1000 मेगावाट

हरदुआगंज 1265 मेगावाट

पारिछा 920 मेगावाट

हड़ताल के कारण इकाइयां बंद

अनपरा 420 मेगावाट

ओबरा 400 मेगावाट

पारिछा 210 मेगावाट

पूर्वांचल डिस्कॉम में 75 फीडर डाउन



क्या होता है एस्मा एक्ट

आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा एक्ट) को लागू करने का अधिकार राज्य सरकार के पास होता है। इस कानून के लागू होने के बाद कोई भी सरकारी कर्मचारी हड़ताल पर नहीं जा सकते हैं। यदि कोई कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो उसे कानून के उल्लंघन का दोषी माना जाएगा और उसके विरूद्ध सख्त कार्रवाई होगी।

Advertisement