लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा कि आपराधिक पृष्ठभूमि या ‘खराब छवि’ वाले ठेकेदारों को सिंचाई परियोजनाओं के लिए बोली लगाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। सीएम योगी (CM Yogi) ने चेतावनी दी कि निर्देश को लागू न करने पर लापरवाही बरतने वाले सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पढ़ें :- UP News: आखिरी बार मिलने के लिए बुलाया, फिर युवती ने प्रेमी का काट दिया प्राइवेट पार्ट
सीएम योगी (CM Yogi) ने साफ कहा कि अपराधी, माफिया प्रवृत्ति व खराब छवि के लोग सिंचाई विभाग की परियोजनाओं की ठेकेदारी में कतई न प्रवेश करने पाएं। ठेकेदार चुनते वक्त बारीकी से इसकी पड़ताल करनी चाहिए। यदि ऐसा होता हुआ पाया गया और उसमें किसी शासकीय अधिकारी व कर्मचारी की संलिप्तता मिली तो उसके खिलाफ भी मिलीभगत का दोषी मानकर कार्रवाई की जाएगी।
आदित्यनाथ ने शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बाढ़ प्रबंधन और जन-जीवन की सुरक्षा के दृष्टिगत जारी तैयारियों की समीक्षा की और व्यापक जनहित में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हुई इस विशेष बैठक में बाढ़ की दृष्टि से अतिसंवेदनशील और संवेदनशील जिलों के जिलाधिकारियों ने भी हिस्सा लिया और अपनी तैयारियों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया।
मुख्यमंत्री ने बाढ़ पर कही ये बात
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में व्यापक जन-धन हानि के लिए दशकों तक कारक रही बाढ़ की समस्या के स्थायी निदान के लिए पिछले छह वर्षों में किए गए सुनियोजित प्रयासों के अच्छे परिणाम मिले हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ की दृष्टि से अति संवेदनशील जिलों की संख्या में अभूतपूर्व कमी आई है। विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार हमने आधुनिकतम तकनीक का प्रयोग कर बाढ़ से खतरे को न्यूनतम करने में सफलता पाई है।
पढ़ें :- प्रयागराज पहुंचे सीएम योगी ने महाकुंभ की तैयारियों का लिया जायजा, अधिकारियों को दिए अहम निर्देश
योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा कि जन-धन की सुरक्षा को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए 2017-18 से अब तक 982 बाढ़ परियोजनाएं पूरी की गई जिनमें 282 परियोजनाएं अकेले वर्ष 2022-23 में पूरी की गई हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 265 नई परियोजनाएं, सात ड्रेजिंग संबंधी परियोजनाएं और पूर्व से संचालित 140 परियोजनाओं सहित कुल 412 परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है।
सीएम योगी (CM Yogi) ने कहा कि प्रदेश में बाढ़ की दृष्टि से 24 जनपद अति संवेदनशील श्रेणी में आते हैं जिनमें महाराजगंज, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, गोरखपुर, बस्ती, बहराइच, बिजनौर, सिद्धार्थनगर, गाजीपुर, गोंडा, बलिया, देवरिया, सीतापुर, बलरामपुर, अयोध्या, मऊ, फर्रुखाबाद, श्रावस्ती, बदायूं, अम्बेडकर नगर, आजमगढ़, संतकबीर नगर, पीलीभीत और बाराबंकी शामिल हैं।
सीएम योगी (CM Yogi) ने कहा कि इसके साथ ही सहारनपुर, शामली, अलीगढ़, बरेली, हमीरपुर, गौतमबुद्ध नगर, रामपुर, प्रयागराज, बुलन्दशहर, मुरादाबाद, हरदोई, वाराणसी, उन्नाव, लखनऊ, शाहजहांपुर और कासगंज संवेदनशील श्रेणी में आते हैं।
पर्याप्त रिजर्व स्टॉक का एकत्रीकरण करने का निर्देश
मुख्यमंत्री ने अति संवेदनशील और संवेदनशील क्षेत्रों में बाढ़ की आपात स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त रिजर्व स्टॉक का एकत्रीकरण करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इन स्थलों पर पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था और आवश्यक उपकरणों का भी प्रबन्ध होना चाहिए। सभी 780 बाढ़ सुरक्षा समितियां सक्रिय रहें। मुख्यमंत्री ने कहा कि अति संवेदनशील तथा संवेदनशील तटबंधों का जिलाधिकारी स्वयं निरीक्षण करें।
पढ़ें :- अमित शाह की आलोचना पड़ी भारी, जयंत चौधरी ने RLD के सभी प्रवक्ताओं की कर दी छुट्टी
योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा कि भारतीय मौसम विभाग, केंद्रीय जल आयोग, केंद्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ प्रदेश के सिंचाई एवं जल संसाधन, गृह, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, खाद्य एवं रसद, राजस्व और राहत, पशुपालन, कृषि, राज्य आपदा प्रबन्धन, रिमोट सेन्सिंग प्राधिकरण के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित किया जाए।