UP News: उत्तर प्रदेश विधानसभा में विशेषाधिकार हनन मामले में दोषी छह पुलिसकर्मियों को विधानसभा ने एक दिन के कारावास की सजा सुनाई है। इन्हें दिन की तारीख बदलने तक विधानसभा के अंदर ही बने लॉकअप में रहना होगा। इन पुलिसकर्मियों को विधानसभा की विशेषाधिकार हनन समिति ने सर्वसम्मति से दोषी ठहरा दिया था। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना (Assembly Speaker Satish Mahana) ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों के लिए यह एक उदाहरण बनेगा। साथ ही कहा कि, लॉकअप में रहने के दौरान पुलिसकर्मियों का कोई उत्पीड़न नहीं होगा।
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उन्हें लॉकअप में भोजन, पानी इत्यादि की सुविधा दी जाएगी। बता दें कि, ये मामला 15 सितम्बर 2004 का है। कानपुर के तत्कालीन विधायक जो हाल में विधान परिषद सदस्य हैं सलिल विश्नोई ने बिजली आपूर्ति को लेकर धरना दिया था और डीएम को ज्ञापन देना चाहते थे। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने उनके साथ अभद्रता और गाली गलौच कर अपमानित करते हुए लाठियां बरसाईं जिसमें विधायक के दाहिने पैर में फ्रैक्चर आ गया जबकि वह शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे।
यह मामला विशेषाधिकार समिति के सामने आया। परीक्षण और अवलोकन के पश्चात 28 जुलाई 2005 को समिति ने आरोपी पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया। इस प्रकरण को विधानसभा में पेश किया गया। आज सभी आरोपी विधानसभा में पेश हुए। जिन पुलिस अधिकारियों को सजा सुनाई गई है उनमें तत्कालीन क्षेत्राधिकारी बाबूपुरवा अब्दुल समद, तत्कालीन किदवई नगर थानाध्यक्ष ऋषिकांत शुक्ला, एसआई थाना कोतवाली कानपुर नगर त्रिलोकी सिंह, किदवई नगर थाने के सिपाही छोटे सिंह यादव, काकादेव थाने के सिपाही विनोद मिश्र और काकादेव थाने के सिपाही मेहरबान सिंह यादव शामिल हैं। इसमें तत्कालीन क्षेत्राधिकारी अब्दुल असर रिटायर हो चुके हैं।