लखनऊ। विद्युत नियामक आयोग में बिजली दरों की सुनवाई के दौरान बड़ा फैसला किया गया। इस फैसले से अब उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी। दरअसल, अब मनमाने तरीके से उपभोक्ताओं का लोड नहीं बढ़ाया जा सकेगा। इसके लिए एक साल के रिपोर्ट का अध्यन करना जरूरी होगा और इसके बाद ही लोड बढ़ाया जा सकेगा।
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बैठक में नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य संजय कुमार सिंह ने बिजली दरें बढ़ाने से इन्कार कर दिया। इसके साथ ही उपभोक्ताओं के हित में कई फैसले लिए गए। इसमें तीन किलोवाट के उपभोक्ता को भी 3 फेज का कनेक्शन देने का निर्णय हुआ।
इसके साथ ही, निगमों का 11203 करोड़ का दिखाया गया घाटा भी आयोग ने खारिज किया। पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन का 12 प्रतिशत टैरिफ भी कम किया गया है। यह पहले 26 पैसे थी अब इसे 23 पैसे कर दिया गया है। नोएडा पावर कंपनी की दरें आगे भी 10 प्रतिशत कम रहेंगी। यूपीएसएलडीसी का पहली बार 536 प्रति मेगावाट प्रतिमाह का एआरआर भी अनुमोदित हुआ।
बैठक में मौजूद विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने उपभोक्ताओं का पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि निगमों पर उपभोक्ताओं का 33122 करोड़ सरप्लस निकल रहा है। इसके एवज में उन्होंने अगले 5 वर्षों तक आठ प्रतिशत बिजली दर कम करने की मांग की। कहा, नोएडा पावर कंपनी अपने उपभोक्ताओं को यह छूट दे रही है। हालांकि आयोग ने दरें कम करने पर विचार नहीं किया है। ऐसे में परिषद अध्यक्ष ने आगे लड़ाई जारी रखने का एलान किया है।