यूपी के उन्नाव में जेल में बंद कैदी की मौत हो गई है। कैदी के परिजनों ने जेल प्रशासन पर हत्या का आरोप लगाया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उन्नाव के सफीपुर थाना पुलिस ने बीते 20 मार्च को शंकर और शिवा रावत को छेड़छाड़ के आरोप में पुलिस ने जेल भेज दिया था और जांच के बाद पुलिस ने धारा बढ़ा दी।
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7 मई को शिवा रावत को जमानत मिल गई थी, जिसके बाद दूसरा आरोपी शंकर परेशान रहने लगा था। बुधवार की सुबह कैदी शंकर की मौत हो गई। सूचना पर पहुंचे परिजनों ने जेल में हत्या का आरोप लगाया है।
जेल से जमानत पर बाहर आए शिवा की पत्नी शिव काली ने बताया कि मृतक शंकर रिश्ते में उनके कोई नहीं है। उनकी बेटी के साथ रेप हुआ था। उनकी सुनवाई थाने में नहीं हो रही थी, तभी वो मेरे पति शिवा रावत के पास मदद के लिए आए थे। मेरे पति ने जब उनकी मदद करनी चाही तो सीओ साहब ने फोन कर उन्हें थाने में बुलाया कि दोनो में समझौता करवा दो।
वह महिला भी थाने में मौजूद थी। लेकिन समझाने पर शंकर नहीं माने और न्याय की मांग कर रहे थे। तभी पुलिस ने आरोपियों से मिलकर मेे पति और शंकर को 376 डी के आरोप में जेल भेज दिया। शिव काली ने कहा मैने अपने पति को 7 मई को जेल से जमानत पर बाहर निकाल लिया, लेकिन शंकर जेल में ही बंद थे। कल शंकर से जेल में मुलाकात करके आई थी तब वह सही थे। आज सुबह जेल से फोन आय़ा कि अस्पताल में आ जाओ उनकी तबीयत खराब है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पीड़िता ने बताया कि मृतक शंकर मेरे पिता है। सुबह सात बजे फोन आया कि अस्पताल में आ जाओ तुम्हारे पिता खत्म हो गए है। जबकि मेरे साथ ही गैंगरेप किया गया था। मेरी मदद कर रहे रावत को पुलिस ने फर्जी मुकदमा लिखकर मेरे पिता के साथ 376 डी में जेल भेज दिया था।