लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार (Government of Uttar Pradesh) ने गुरुवार को कहा कि स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति अनिवार्य नहीं (Attendance is not mandatory) होगी। अगर कोविड( Covid-19) की स्थिति बिगड़ती है तो स्कूल फिर से बंद हो सकते हैं। यह बात प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा (Deputy Chief Minister Dr. Dinesh Sharma) ने यह बात शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के सदस्य ध्रुव कुमार त्रिपाठी (Teacher constituency member Dhruv Kumar Tripathi) के एक सवाल का जवाब देते हुए राज्य विधान परिषद (State Legislative Council)में कही। श्री शर्मा ने कहा कि बुनियादी शिक्षा (Basic Education) में उपस्थिति अनिवार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि हमने कक्षा 9 से 12 तक के लिए भी उपस्थिति अनिवार्य नहीं की है।
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उन्होंने कहा कि अभिभावकों, शिक्षकों और राजनीतिक संगठनों ने भी कहा है कि ऑफ़लाइन शिक्षा शुरू की जानी चाहिए, भले ही यह छोटी अवधि के लिए हो। उन्होंने आगे कहा कि यूपी में, वर्तमान माहौल पर्याप्त रूप से सुरक्षित है, लेकिन अगर किसी भी चिंता (कोविड के संबंध में) का कोई संकेत है, तो हम स्कूलों को भी बंद कर सकते हैं।
त्रिपाठी ने स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह (Health Minister Jai Pratap Singh) से यह भी पूछा कि क्या शिक्षकों और 18 वर्ष से कम उम्र के छात्रों के टीकाकरण (vaccination) की कोई व्यवस्था है? एक पूरक प्रश्न में सपा सदस्य शत्रुद्र प्रकाश ने मंत्री से पूछा कि क्या छोटे बच्चों का बिना टीकाकरण (vaccination) के स्कूल जाना सुरक्षित है? मंत्री ने जवाब दिया कि 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए टीका अभी उपलब्ध नहीं है, लेकिन सितंबर तक इसके उपलब्ध होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि टीका उपलब्ध होने के बाद बच्चों को टीका लगाने के लिए अभियान चलाया जाएगा। राज्य सरकार ने कक्षा 9 से 12 तक के लिए 16 अगस्त से स्कूल खोले हैं। कक्षा छह से आठ के लिए 23 अगस्त से और कक्षा एक से पांच के लिए 1 सितंबर से स्कूल खोले जाएंगे।
इन नियमों के साथ खुले कक्षा 9 से 12वीं तक के स्कूल
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कक्षा 9 से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं को टीचिंग कार्यों के लिए सप्ताह में 5 दिन, शनिवार व रविवार को छोड़कर बुलाया जाएगा।
स्कूल दो पालियों में खुलेंगे, जिसमें सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक और दोपहर 12:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक।
दोनों ही पालियों में 9वीं से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं को सेक्शन वाइज बांटा जाएगा। इसमें छात्रों की कुल संख्या के अधिकतम 50 फीसदी ही एक पाली में कक्षाएं ले पाएंगे, जबकि शेष 50 फीसदी दूसरी पाली में सम्मिलित होंगे।
स्कूलों को परिसर में सैनेटाइजर, हैंडवाश, थर्मलस्कैनिंग, पल्स ऑक्सीमीटर और फर्स्ट ऐड की व्यवस्था करनी होगी।
किसी स्टूडेंट, टीचर या स्टाफ में खांसी, जुकाम, बुखार के लक्षण होंगे तो उन्हें वापस भेज दिया जाएगा।
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सभी स्टूडेंट, टीचर या स्टाफ को हैंडवॉश या सैनेटाइज करने के बाद ही प्रवेश दिया जाएगा।
स्कूल बस (School Bus) को हर दिन सैनेटाइज करना होगा।
कक्षाओं में छात्रों को कोविड-19 प्रोटोकॉल (covid-19 protocol) के साथ बैठने की अनुमति होगी।