लखनऊ। यूपी (UP ) के कई जिलों में शनिवार को भी गर्मी का प्रकोप जारी है। कई दिनों से भीषण गर्मी का प्रकोप झेल रहे प्रदेश के लोगोंं को अगले चार दिनों तक हीट वेव (Heat Wave) की मार झेलनी होगी। सुबह से तेज धूप निकलने से गर्मी बढ़ गई है। बुंदेलखंड क्षेत्र के जिलों में पारा 45 डिग्री के पार चला गया है। प्रयागराज, वाराणसी, लखनऊ, कानपुर, आगरा, मेरठ, अलीगढ़, गोरखपुर आदि जिलों में आसमान से आग बरस रही है। धूप झुलसा रही है। वहीं मौसम विभाग (Weather Department) की माने तो मानसून आने में अभी चार से पांच दिनों का इंतजार करना होगा। आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र (Zonal Meteorological Center) के निदेशक जेपी गुप्ता (Director JP Gupta) के मुताबिक आगामी 15 जून तक उत्तर प्रदेश में मानसून आ सकता है। फिलहाल बारिश की संभावना नहीं है।
पढ़ें :- यह जीत केवल भाजपा गठबंधन की नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में जनता के अटूट भरोसे और विश्वास की है ऐतिहासिक जीत : केशव मौर्य
मौसम विभाग (Weather Department) ने ‘लू’ चलने और बारिश के आसार को देखते हुए चेतावनी जारी कर दी है। राज्य के दूसरे हिस्सों में मौसम शुष्क रहेगा। इससे पहले राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को अधिकतम तापमान 42 डिग्री दर्ज किया गया। यूपी में शुक्रवार को सबसे ज्यादा पारा बांदा में 46.2 डिग्री और कानपुर में 46.0 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है। लखनऊ में शनिवार को अधिकतम तापमान 44 और न्यूनतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। वाराणसी में अधिकतम तापमान 44 और न्यूनतम तापमान तापमान 30 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है।
प्रयागराज में अधिकतम तापमान 44 और न्यूनतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। लू चलने की आशंका है। गोरखपुर में अधिकतम तापमान 41 और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। आसमान में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे और बारिश या गरज के साथ बौछारें या धूल भरी आंधी चलने की संभावना है। कानपुर में अधिकतम तापमान 44 और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। आसमान साफ रहेगा। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में लोकल हीटिंग के बीच नमी बढ़ी तो बूंदाबांदी भी हो सकती है। इस लिहाज से पूरे सप्ताह बारिश की संभावनाएं कम ही हैं। बीते 24 घंटों में अधिकतम तापमान 45.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से छह डिग्री अधिक रहा। बता दें कि पिछले दो वर्षों में जून इतना कभी नहीं तपा।