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UP Weather : पश्चिमी यूपी में एक बार फिर 22 जुलाई से सक्रिय होगा मानसून , 29 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। यूपी (UP) में मानसून ट्रफ (Monsoon trough) के दक्षिण हिस्से की ओर शिफ्ट हो गया है। इस वजह से बारिश में ब्रेक लग गया है। मौसम विभाग (Weather Department) ने बताया कि बुधवार को लखनऊ में स्थानीय कारणों से बूंदाबांदी हुई और बस्ती जिले में महज 5 मिमी. बरसात हुई। इसके अलावा पूरे प्रदेश में कहीं बारिश दर्ज नहीं हुई। अगले कुछ दिन पूरे प्रदेश में शुष्क हालात रहेंगे और तापमान बढ़ने का दौर जारी रहेगा।

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मौसम विभाग (Weather Department)  के अनुसार आगामी रविवार 22 जुलाई से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक बार फिर मानसून सक्रिय होगा और झमाझम बारिश होगी। आंचलिक मैसम विज्ञान केन्द्र (Zonal Meteorology Center) के मौसम विज्ञानी अतुल कुमार सिंह (Meteorologist Atul Kumar Singh) के अनुसार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance)की सक्रियता और मानसून की ट्रफ लाइन के पश्चिमी छोर की तरह केन्द्रित होने की वजह से मौसम में यह बदलाव आने के आसार हैं। मौसम विशेषज्ञ एचआर रंजन के मुताबिक मानसून के अनुकूल परिस्थितियां विकसित होने पर पूरे प्रदेश में मानसून 28 जुलाई से फिर एक्टिव होगा। इसके बाद फिर बरसात होगी।

मौसम वैज्ञानिक के अनुसार तीन से चार दिन बाद स्थितियां बदलेंगी और मानसून अपने मूल रास्ते पर आ जाएगा। इसके बाद फिर बारिश की उम्मीद है। इस दौरान मेरठ, बुलंदशहर, गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, हापुड़, बागपत, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, मुरादाबाद, बिजनौर, रामपुर, अमरोहा, संभल, बरेली, बदायूं, पीलीभीत, शाहजहांपुर, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, मथुरा, अलीगढ़, एटा, हाथरस, कासगंज, इटावा, औरैया और फर्रुखाबाद में कहीं झमाझम तो कहीं छिटपुट बारिश हो सकती है।
उड़ीसा तट पर बने कम हवा के दबाव क्षेत्र के प्रभाव से कमजोर पड़ा मानसून
उन्होंने बताया कि उड़ीसा तट पर बने कम हवा के दबाव क्षेत्र के प्रभाव की वजह से मानसून की ट्रफ लाइन अपनी सामान्य स्थिति से दक्षिण की ओर खिसकते हुए कमजोर पड़ रही है। इसके बाद उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिणी उड़ीसा तट के पास बंगाल की खाड़ी पर बने मध्य क्षोभ मण्डल तक विस्तार ले चुके चक्रवातीय दबाव की वजह से मानसून की ट्रफ लाइन दक्षिण में बनी रहेगी। इस वजह से अगले एक सप्ताह तक पूर्वी उत्तर प्रदेश में मानसूनी गतिविधि कमजोर रहेगी। कहीं-कहीं गरज चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं।
गंगा के मैदानी इलाकों में नहीं है मानसून ट्रफ
लखनऊ विश्वविद्यालय में भूविज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. ध्रुवसेन सिंह (Department of Geology, Lucknow University, Professor. Dhruvsen Singh) कहते हैं कि इस वक्त मानसून के ब्रेक होने की कई वजहें हैं। एक तो अलनीनो सक्रिय है, जिससे मानसून कमजोर पड़ गया। बादल छाए रहने के कारण पृथ्वी से विकिरण अंतरिक्ष तक नहीं जा पा रहा है। इस कारण धरती गरम बनी हुई है। इस वक्त मानसून ट्रफ गंगा के मैदान में होना चाहिए था, लेकिन वह यहां से बाहर है। इसी तरह पश्चिमी विक्षोभ यहां तक नहीं आ पा रहा है।
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