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अमेरिका में परमानेंट रहने का सपना देखने वाले भारतीयों के लिए अच्छी खबर, Green Card को लेकर US उठाने जा रहा हैं कदम

By अनूप कुमार 
Updated Date

वॉशिंगटन: अमेरिका में बसने के लिए परमानेंट ग्रीन कार्ड को लेकर राष्ट्रपति बायडन कार्ड (Green Card) जुड़ी समस्या को दूर करना चाहते हैं। व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ग्रीन कार्ड जारी करने से जुड़ी प्रणाली में हो रही अत्यधिक देरी की समस्या को दूर करना चाहते हैं। इस कदम से अमेरिका में एच-1बी वीजा पर काम करने वाले कई भारतीयों को लाभ मिलेगा. आधिकारिक तौर पर स्थायी निवासी कार्ड के रूप में जाने वाला ग्रीन कार्ड अमेरिका में प्रवासियों को जारी किया गया एक दस्तावेज है, जो इस बात का प्रमाण है कि धारक को अमेरिका में स्थायी रूप से रहने का विशेषाधिकार दिया गया है।

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खबरों के अनुसार, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि राष्ट्रपति निश्चित तौर पर ग्रीन कार्ड जारी करने की प्रक्रिया में देरी को भी दूर करना चाहते हैं। साकी 1 अक्टूबर को लगभग 80 हजार अप्रयुक्त रोजगार-आधारित ग्रीन कार्ड की बर्बादी पर एक सवाल का जवाब दे रहीं थी, जिसे आधिकारिक तौर पर कानूनी स्थाई निवास कहा जाता है। यह बर्बादी इसलिए हुई, क्योंकि यूएस सिटीजनशिप एंड इमीग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआईएस) ग्रीन कार्ड की प्रतीक्षा कर रहे कई लाखों लोगों को इन्हें आवंटित करने में असमर्थ हैं।

भारतीय प्रौद्योगिकी पेशेवरों ने बायडन प्रशासन और अमेरिकी कांग्रेस से उन ग्रीन कार्ड स्लॉट को समाप्त नहीं होने देने के लिए आवश्यक विधायी परिवर्तन करने का आग्रह किया था, इनमें से हजारों के लिए यह इंतजार दशकों का है।

क्‍या है ग्रीन कार्ड 
ग्रीन कार्ड अमेरिका में बसने के लिए परमानेंट रेजीडेंट कार्ड होता है। यह वो डॉक्‍यूमेंट है जो अप्रवासियों को जारी किया जाता है। इस डॉक्‍यूमेंट के होने के बाद अमेरिका में स्‍थायी तौर पर रहा जा सकता है और बाकी अमेरिकी नागरिकों की तरह ही सारे फायदे उठाए जा सकते हैं।

अमेरिका की प्रतिनिधि सभा की न्‍यायिक कमेटी की तरफ से एक प्रिंट जारी किया गया है। इस बिल को रीकॉन्सिलेशन बिल के तौर पर जाना जा रहा है। बिल के मुताबिक 1500 डॉलर की सप्लीमेंट्री फीस देकर, निदेशालय की प्रक्रिया और मेडिकल एग्जाम पास करके भारतीय, अमेरिका में बसने का सपना प्रवासी ग्रीन कार्ड को हासिल करके पूरा कर सकते हैं।

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