चमोली: देवभूमि उत्तराखंड के चमोली जिले में जोशीमठ के पास ग्लेशियर फटने (Uttarakhand Glacier Burst) से यहां भयानक तबाही मची है। ग्लेशियर का एक हिस्सा अचानक टूटने की वजह से आई बाढ़ से लगभग 125 मजदूर लापता हो गए, जिसमें से अभी तक 15 मजदूरों का रेस्क्यू किया गया है। ऐसे में ग्लेशियर फटने के बाद सुरंग से निकाले गए एक मजदूर ने बताया किया कि वहां गर्दन तक मलबा ही भरा हुआ था।
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राहत बचाव कार्य जारी, टनल में फंसे 12 कर्मियों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है।#Chamoli #Uttarakhand #UttarakhandPolice @DDNewslive @ANI @aajtak @News18India @DIPR_UK @PIB_India pic.twitter.com/RPNSYeEFpI
— Uttarakhand Police (@uttarakhandcops) February 7, 2021
बता दें, आईटीबीपी (ITBP) और उत्तराखंड पुलिस नदियों में आई बाढ़ के बाद और राहत कार्य में लगी हुई है। ऐसे में ट्विटर पर उत्तराखंड पुलिस (Uttarakhand Police) ने एक वीडियो साझा किया है। इस वीडियो में मजदूर ने कहा, ‘हमारी गर्दन तक भर सुरंग के अंदर मलबा भर गया था। सरिया पकड़कर मैं खुद बाहर आया हूं।’ वहीं, वीडियो के साथ उत्तराखंड पुलिस ने कैप्शन में लिखा कि राहत बचाव कार्य जारी, टनल में फंसे 12 कर्मियों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है।
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मालूम हो, रविवार को चमोली में नंदा देवी ग्लेशियर का एक हिस्सा टूट गया था, जिसकी वजह से ऋषिगंगा घाटी में अचानक भयंकर बाढ़ आ गई। इसके कारण वहां दो पनबिजली परियोजनाओं में काम कर रहे कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई। इनके शव अलग-अलग जगहों से बरामद किए गए। एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगाड पनबिजली परियोजना और ऋषिगंगा परियोजना पनबिजली परियोजना को इस हादसे के कारण भारी नुकसान हुआ है। ऋषि गंगा हाइड्रो प्रोजेक्ट पूरी तरह से इस हादसे की वजह से तहस-नहस हो गया। इसके अलावा गांव के पांच से छह घर भी बाढ़ में बह गए।
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सेना और एनडीआरएफ की टीमों के करीब 250 जवान घटनास्थल पर बचाव और तलाशी अभियान चला रहे हैं। वहीं, उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने इस हादसे के बाद मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। राज्य सरकार की ओर से चार-चार लाख रुपए मुआवजा दिया जाएगा। यही नहीं, केंद्र सरकार की तरफ से भी मुआवजे का ऐलान किया गया है। मोदी सरकार मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपए तो घायलों को 50 हजार रुपए का मुआवजा देगी।