चमोली। उत्तराखंड के चमोली के रैणी मे आई आपदा के दौरान जवान देवदूत बनकर आए। तपोवन सुरंग में काम कर रहे मजदूर आपदा के दौरान उसमें फंस गए थे। आईटीबीपी के जवानों ने उन्हें सुरंग से बाहर निकालने की मुहिम शुरू की। कड़ी मशक्कत के बाद जवानों ने 12 मजदूरों को सकुशल बाहर निकाल लिया।
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आपदा के दौरान तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना को भी भारी नुकसान पहुंचा है। तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना का इन दिनों सुरंग निर्माण कार्य जोरों पर चल रहा था। रविवार को भी सुरंग निर्माण कार्य में सैकड़ों मजदूर जुटे हुए थे। उधर, ऋषिगंगा ग्लेशियर के टूटने से आई बाढ़ पर सवार होकर आई मौत रैणी और तपोवन के बीच करीब एक घंटे तक नाचती रही।
पहले ऋषिगंगा और फिर धौली गंगा में उफान मारती लहरों ने किसी को बचने का मौका नहीं दिया। जो भी चपेट में आया, उसे लील लिया। राहत और बचाव कार्य शुरू होने के बाद मलबे से निकल रहे शव बाढ़ की क्रूरता को बयां कर रहे हैं। बड़ी संख्या में लोग अब भी लापता हैं। लोगों ने चीखते चिल्लाते हुए लोगों को ऊपरी इलाकों में आने की कोशिश कर रहे थे। इस दौरान जवानों ने कई लोगों को सकुशल ऊपर तक पहुंचाया।
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