नई दिल्ली। रेल मंत्रालय (Railway Ministry) वंदे भारत ट्रेनों (Vande Bharat Trains) के राजस्व सृजन का अलग से कोई रिकॉर्ड नहीं रखता है। इसलिए उसे नहीं पता कि वंदे भारत ट्रेनों (Vande Bharat Trains) के परिचालन से उसे कितना राजस्व प्राप्त हुआ? सूचना के अधिकार (RTI) के तहत पूछे गए एक सवाल के जवाब में मंत्रालय ने यह बात कही है। मध्य प्रदेश के चंद्रशेखर गौड़ (Chandrashekhar Gaur of Madhya Pradesh) ने पूछा था कि रेल मंत्रालय (Railway Ministry) ने पिछले दो साल में वंदे भारत ट्रेनों (Vande Bharat Trains) से कितना राजस्व अर्जित किया है और क्या इससे उनके परिचालन पर कोई लाभ या हानि हुई है? इसके जवाब में रेल मंत्रालय (Railway Ministry) ने कहा ट्रेनों के आधार पर राजस्व के आंकड़े एकत्र नहीं किए जाते।
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वंदे भारत देश की पहली सेमी-हाई स्पीड ट्रेन है जिसे 15 फरवरी, 2019 को नई दिल्ली और वाराणसी के बीच हरी झंडी दिखाई गई थी और आज 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 284 जिलों को कवर करते हुए 100 मार्गों पर 102 वंदे भारत ट्रेनें चलाई जा रही हैं। सोमवार को रेलवे अधिकारियों ने बताया कि कि वंदे भारत ट्रेनों (Vande Bharat Trains) की लॉन्चिंग के बाद से करीब 2 करोड़ से अधिक लोगों ने यात्रा की है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में वंदे भारत ट्रेनों (Vande Bharat Trains) ने जो दूरी तय की है, वह पृथ्वी के 310 चक्कर लगाने के बराबर है।
सूचना के अधिकार के तहत रेल मंत्रालय (Railway Ministry) से सवाल करने वाले गौड़ ने आश्चर्य व्यक्त किया और कहा कि रेलवे वंदे भारत ट्रेनों (Vande Bharat Trains) द्वारा यात्रा करने वाले लोगों की संख्या और कवर की गई दूरी की जानकारी तो रखता है, लेकिन उनसे कितने राजस्व का सृजन हुआ, यह महत्वपूर्ण जानकारी नहीं रखता है।
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गौड़ ने कहा कि रेलवे अधिकारी एक साल में वंदे भारत ट्रेन (Vande Bharat Train) द्वारा तय की गई दूरी की गणना पृथ्वी के चारों ओर कुल चक्कर के मुकाबले कर सकते हैं, लेकिन उनके पास इन ट्रेनों से कितना राजस्व आया इसकी जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि वंदे भारत ट्रेनों (Vande Bharat Trains) से राजस्व सृजन की स्थिति का एक अलग रिकॉर्ड बनाए रखना रेलवे के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि ये भारत की पहली सेमी-हाई स्पीड नई पीढ़ी की ट्रेनें हैं और इसकी लाभप्रदता से इसकी वास्तविक लोकप्रियता स्थापित होगी। इससे पहले एक रेलवे अधिकारी ने बताया था कि वंदे भारत (Vande Bharat) ट्रेनें कुछ मार्गों पर बहुत अच्छा कर रही हैं, जबकि कुछ अन्य मार्गों पर यात्रियों की संख्या औसत है, लेकिन अगर आप समग्र उपयोग देखें, तो यह काफी महत्वपूर्ण है।