Vastu Tips : जीवन के लिए जल बहुत जरूरी है। धार्मिक अनुष्ठान में जल की पूजा की जाती है। जल स्रोतों की पूजा की जाती है। जल के देवता इंद्र देव और वरुण की पूजा होती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जल पूजनीय है। वास्तु के अनुसार घर बनाते समय पांच तत्वों में से एक पानी पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। जल की एक बूंद का भी नुकसान होना अशुभ माना जाता है। जीवन शैली में जल के उपयोग को लेकर बहुत सारी बाते बतायी गई है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर में पानी का टपकना अशुभ माना जाता है। वास्तु के अनुसार , पानी टपकने को धन हानि माना जाता है। आइये जानते है वास्तु के अनुसार पानी को लेकर क्या शुभ और क्या अशुभ है।
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1.वास्तु के अनुसार किसी भी भवन में पानी का स्थान उत्तर और उत्तर-पूर्व में होना चाहिए। इस दिशा में जल स्रोत होने से धन वृद्धि, संतान वृद्धि और अच्छी शिक्षा प्राप्त होती है। वास्तु के अनुसार उत्तर दिशा में जल स्रोत हो तो घर में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है।
2.वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में सिंक या बाथरूम के नल और टंकी को बंद करने के बाद भी पानी का बूंद-बूंद होकर गिरने से घर में नकारात्मक ऊर्जा (Negative Energy) का वास होता है। वास्तु के मुताबिक जिस घर में नल टपकता है वहां फिजूल खर्च अधिक होते हैं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर पूर्व दिशा पानी का टैंक रखने के लिए शुभ मानी जाती है। इस दिशा में पानी का स्थान होने से धन का भंडार भरा रहता है।
3.वास्तु के अनुसार घर में पानी के निकास को लेकर भी नियम बताए गए हैं। वास्तु के अनुसार यदि घर की पूर्व दिशा में नाला हो तो यह शुभ माना जाता है, इससे वंश और धन की वृद्धि होती है। इसी तरह उत्तर दिशा में नाली बनाना शुभ माना जाता है। वहीं ईशान कोण में नाला बहुत ही अशुभ माना जाता है।