पीथमपुर। पीथमपुर (Pithampur) में भोपाल के यूनियन कार्बाइड (Union Carbide) के जहरीले कचरे (Toxic Waste) को जलाने के विरोध में प्रदर्शन के दौरान एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई। प्रदर्शनकारी इस कचरे के संभावित खतरों के खिलाफ आवाज उठा रहे थे, जब यह हादसा हुआ। दो युवकों ने प्रदर्शन के दौरान पेट्रोल छिड़का, लेकिन अचानक किसी ने पीछे से आग लगा दी, जिससे दोनों गंभीर रूप से झुलस गए।
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Video: पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के खिलाफ के प्रदर्शन में 2 युवकों ने छिड़का पेट्रोल, तभी अचानक किसी ने लगा दी आग
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भोपाल गैस त्रासदी (Bhopal Gas Tragedy) का जहरीला कचरा (Toxic Waste) , जो वर्षों से पर्यावरण और मानव जीवन के लिए खतरा (Danger to Environment and Human Life) बना हुआ है, उसे पीथमपुर (Pithampur) के पास जलाने की योजना का विरोध जारी था। स्थानीय लोग और सामाजिक कार्यकर्ता इस फैसले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे, क्योंकि उनका मानना है कि इस कचरे को जलाने से हवा और पानी प्रदूषित हो सकते हैं, जिससे स्थानीय निवासियों का जीवन खतरे में पड़ सकता है।
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प्रदर्शन के दौरान हुआ हादसा
प्रदर्शन के दौरान, दो युवकों ने अपनी नाराजगी जताने के लिए पेट्रोल छिड़क दिया। इसी बीच, अचानक पीछे से किसी ने आग लगा दी, और दोनों युवक जलने लगे। वहां मौजूद लोग तुरंत हरकत में आए और आग बुझाने की कोशिश की। दोनों को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
षड्यंत्र या लापरवाही?
इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह एक जानबूझकर किया गया षड्यंत्र था या महज एक लापरवाही का नतीजा? प्रदर्शन में शामिल लोगों ने इस घटना को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है और मांग की है कि इस मामले की गहन जांच होनी चाहिए।
लोगों में गुस्सा और चिंता
इस घटना के बाद स्थानीय निवासियों और सामाजिक संगठनों में गुस्सा है। उनका कहना है कि यह हादसा प्रशासन की असंवेदनशीलता और लापरवाही का परिणाम है। लोग जहरीले कचरे को जलाने के फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
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यह घटना केवल एक प्रदर्शन का हिस्सा नहीं, बल्कि पर्यावरण और मानव सुरक्षा (Environment and Human Security) की गंभीर अनदेखी का प्रतीक है। प्रशासन को इस हादसे की जिम्मेदारी लेते हुए जहरीले कचरे (Toxic Waste) को जलाने की योजना पर पुनर्विचार करना चाहिए और इस घटना के पीछे की सच्चाई उजागर करनी चाहिए।