लखनऊ। 9वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ विराट खंड दो शाखा के स्वयं सेवकों सामूहिक योगाभ्यास का आयोजन बुधवार को शीतल वाटिका पार्क निकट हनीमैन चौराहे में किया। योगाभ्यास के उपरान्त संजीव सारस्वत कि योग हमारे देश, हमारी सभ्यता और हमारी संस्कृति की अनुपम धरोहर है। बहुत दिनों तक इसके बारे में कोई चर्चा नहीं होने से यह हमारा पूराना ज्ञान और विधा विलुप्त होती जा रही थी। हमारे वेदों, ग्रंथों और उपनिषदों में भी योग के बारे में उल्लेख है और सभी ने योग को अपने-अपने ढंग से परिभाषित किया है। योग के बारे कहा गया है कि चित्त वृत्ति निरोध इति योग और वहीं गीता में कर्म को योग कहा गया है। योग मन मस्तिष्क और समस्ती को जोड़ने की विधा है।उन्होंने उद्धरण देते हुए बताया कि योग को सभी ने अपने अपने ढंग से परिभाषित किया है किसी ने इसे ‘चित्त वृत्ति निरोध इति योग’ कहा अर्थात मन की वृत्तियों के निरोध को योग कहते हैं।
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संजय गुप्ता ने कहा कि योग को सिर्फ शारीरिक वर्जिस से नहीं जोड़ा जा सकता । यह भारतीय सभ्यता की मानव सभ्यता को विलक्षण देन है। उन्होंने कहा कि योग को नियमित जिंदगी में शामिल करें और निरोग रहेंए उन्होंने कहा कि ये हमारे देश की प्राचीन विधा है बीच में हम इसे भूल गए थे।
योगाभ्यास के उपरान्त शाखा के वरिष्ठ स्वंय सेवक विनय श्रीवास्तव ने गुड़, चना व मट्ठा वितरित करवाया । जिसको सभी ने ग्रहण किया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में शाखा के मुख्य शिक्षक राधेश्याम सिंह, राघवेंद्र प्रकाश, दिनेश प्रताप सिंह, अधिवक्ता नीलेश सिंह व संतोष सिंह शामिल थे।