Vrindavan Rang Mahal : यूँ तो वृन्दावन के बारे में आपको बहुत कुछ मालूम होगा। कृष्ण की बालक्रीड़ा से लेकर उनकी पुरी जीवन कहानी की वजह से वृन्दावन के हर मंदिर के बारे में आपने सुना ही होगा। वृन्दावन है ही प्रसिद्द, कृष्ण की नगरी होने की वजह से और भगवान कृष्ण के बारे में कौन नहीं जानता।
पढ़ें :- Vaikuntha Ekadashi 2025 : वैकुंठ एकादशी के दिन करें भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा, जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिल जाती है
अक्सर हमारे आस -पास ऐसी अनगिनत घटनाएं और चौंका देने वाली चीजें होती हैं कि जिनपर हम चाह कर भी विश्वास नहीं कर पाते। ऐसी ही एक चौका देने वाले रहस्य के बारे में हम आपको बताने जा रहे है जिसे जानकर आपके लिए इस पर विश्वास कर पाना मुश्किल होगा। आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे।
हम बात कर रहे है यूपी में कान्हा की नगरी मथुरा वृंदावन की। जहां कण कण में भगवान कृष्ण की लीलाओं और प्रेम बसा है। कहते है कि वृंदावन में एक मंदिर है जिसे खोलने और बंद करने के लिए न ही किसी पुजारी की और न ही किसी अन्य की जरूरत पड़ती है।
रंग महल
दरअसल, यह मंदिर अपने आप ही खुलता और बंद होता है। इस मंदिर को लोग रंग महल के नाम से जानते है। यह मंदिर निधिवन परिसर में स्थित है। माना जाता है कि यहां भगवान श्री कृष्ण रात्रि में आराम करते है। इस मंदिर में रोज भगवान को भोग लगाने के लिए माखन और मिश्री का भोग लगाया जाता है। इतना ही नहीं भगवान के आराम करने के लिए पलंग भी रखा गया है। ये जानकर आपको हैरानी होगी कि अगले दिन सुबह जब आप पलंग को देखेगें तो ऐसा लगेगा मानो बिस्तर स्वयं भगवान सो कर गए है। रात होते ही इस मंदिर से कपाट अपने आप ही बंद हो जाते है। जैसे किसी ने बंद किया हो।