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चिराग और पारस में जुबानी जंग तेज, दोनों गुटों को साथ लाना बीजेपी के लिए बनेगी बड़ी चुनौती

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। NDA की दिल्ली में मंगलवार को होने वाली बैठक से पहले एलजेपी के दोनों गुटों जुबानी जंग तेज हो गई है। चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस में जंग के पीछे मुख्य वजह हाजीपुर लोकसभा सीट है। इस सीट पर चिराग पासवान और पशुपति पारस दोनों ने अपना अपना दावा ठोकते हुए 2024 लोकसभा चुनाव में यहां से लड़ने का ऐलान किया है।

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बता दें कि हाजीपुर सीट रामविलास पासवान की परंपरागत सीट रही है। इससे अभी पशुपति कुमार पारस सांसद हैं, जबकि रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान जमुई से सांसद हैं। चिराग पासवान हाल ही में एनडीए में शामिल हुए। वे मंगलवार को होने वाली एनडीए की बैठक में भी शामिल होंगे। चिराग पासवान ने हाजीपुर सीट पर दावेदारी ठोकी है। उन्होंने कहा कि हाजीपुर पर दावा करने के लिए मेरे पास अपनी वजह है। वह सीट मेरे पिता रामविलास की पर्याय है और हाजीपुर के प्रति मेरी जिम्मेदारी है।

चिराग ने बताया, हाजीपुर पर क्यों कर रहे दावा?

एनडीए की बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचे लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास पासवान) प्रमुख चिराग पासवान ने गठबंधन में वापसी पर कहा कि लंबे समय से एनडीए से बातचीत का दौर चल रहा था। हमारी कुछ प्राथमिकताएं थी जिन पर चर्चा हुई और दोनों तरफ से सहमति बनी। लक्ष्य हमारा 2024 लोकसभा चुनाव और 2025 का विधानसभा चुनाव है जिसके लिए एनडीए आगे बढ़ रही है। उधर, चिराग के चाचा पशुपति पारस भी हाजीपुर पर अपना दावा कर रहे हैं।  ऐसे में चाचा के दावे पर उन्होंने कहा कि हर कोई अपने दावे करता है।  वह वहां से मौजूदा सांसद हैं, लेकिन हाजीपुर से दावेदारी के मेरे अपने कारण हैं। मैंने जबसे होश संभाला, तबसे अपने पिता रामविलास को वहां प्रतिनिधित्व करते देखा है। कुछ काम उन्होंने किए कुछ रह गए हैं। इसलिए हाजीपुर के प्रति मेरी जिम्मेदारी है। उनके बचे हुए कामों को पूरा करना है।

चिराग ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि हमारी पार्टी हाजीपुर से चुनाव लड़ेगी। वहीं जब उनसे चाचा पशुपति पारस के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह मेरे चाचा ही हैं, उनके खिलाफ कभी कोई टिप्पणी नहीं की।

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पशुपति पारस , बोले- मैं ही हाजीपुर से लड़ूंगा चुनाव, अब उन्हें जमुई से हारने का सता रहा है डर

उधर, पशुपति पारस ने कहा कि चिराग पासवान का हाजीपुर से लड़ने की बात कहना जमुई की जनता से धोखा देने जैसा है। उन्होंने कहा कि मैं केंद्रीय मंत्री नित्यानन्द राय को साफ कर चुका हूं कि मैं ही हाजीपुर से लड़ूंगा।  पशुपति पारस ने कहा कि अगर चिराग को हाजीपुर से लड़ना था, तो वे 2019 में इस सीट से क्यों नहीं लड़े? अब उन्हें जमुई से हारने का डर सता रहा है, इसलिए वे हाजीपुर से लड़ने की बात कह रहे हैं। पशुपति पारस ने कहा कि मेरी पार्टी के 5 सांसद हैं।  ऐसे में 2024 में गठबंधन में हमें 5 सीटें चाहिए।  इसे लेकर वे अमित शाह और जेपी नड्डा से बात करेंगे।  उन्होंने कहा कि चिराग पासवान अगर मिलेंगे और पैर छूकर आशीर्वाद लेगे तों जरूर दूंगा वो मेरे भतीजे हैं।

 

पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री नित्यानन्द राय ने पशुपति पारस से मुलाकात की थी। इसके बाद उन्होंने कहा था कि बीजेपी चाहती है कि चुनाव से पहले एलजेपी के दोनों गुट यानी चाचा भतीजे मतभेद भुलाकर एक हो जाएं और पार्टी पुराने रंग में लौट आए। इस पर पशुपति पारस ने कहा कि लेकिन मैंने बीजेपी से साफ कर दिया है कि इसके लिए मैं तैयार नहीं हूं। उन्होंने कहा कि हम भविष्य में कभी एक नहीं होंगे। पारस ने चिराग पासवान को लेकर कहा कि दल टूटते हैं, जुड़ सकते हैं, लेकिन दिल टूटता हैं तों नहीं जुड़ता है।

‘नीतीश का सपना कभी पूरा नहीं होगा’

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पशुपति पारस ने कहा कि पीएम मोदी देश के सबसे बड़े नेता हैं। 2024 में पीएम का पद खाली नहीं है. नीतीश कुमार का पीएम बनने का सपना कभी पूरा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि नीतीश पहले बिहार को देखें, वहां क्या हालत हो गए हैं? वे कभी अपने दम पर सीएम नहीं बन पाए, हमेशा उन्हें किसी न किसी का सहारा लेना पड़ा।

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