Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. यूपी सिडको के हर कामों में था जालसाज महेश का दखल, विभाग के प्रमुख रहे IAS मनोज सिंह भी थे मेहरबान?

यूपी सिडको के हर कामों में था जालसाज महेश का दखल, विभाग के प्रमुख रहे IAS मनोज सिंह भी थे मेहरबान?

By मुनेंद्र शर्मा 
Updated Date

लखनऊ। जालसाज महेश चंद्र श्रीवास्तव और कुछ अफसरों के बीच ऐसी सांठगांठ थी कि उसके हर काले कारनामों पर पर्दा डालने की कोशिश की गयी। वह दोनों हाथों से सरकारी धन की लूट खसोट करता रहा लेकिन कुछ अफसर उसकी जालसाजी में हाथ बटाते रहे। लिहाजा, देखते ही देखते उसने करोड़ों की अकूत संपत्ति अर्जित कर ली।

पढ़ें :- Lucknow News: इंडियन ओवरसीज बैंक लॉकर चोरी मामले में पुलिस ने किया एनकाउंटर; एक बदमाश को लगी गोली

जालसाज ने अपने जालसाजी का काम पूर्ववर्ती सपा सरकार से शुरू किया था। सूत्रों की माने तो इसने सबसे ज्यादा लूट खसोट यूपी स्टेट कांस्ट्रक्सन एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट कार्पोरेशन लि. (समाज कल्याण निर्माण निगम) में की है।

सूत्रों क माने तो आरोपी आरोपी ने सबसे ज्यादा लूट खसोट उस दौरान की जब इस विभाग की जिम्मेदारी आईएएस अफसर मनोज सिंह के हाथों में थी। मनोज सिंह समाज कल्याण निर्माण निगम में सितंबर 2016 से 2020 तक तैनात रहे। इस दौरान आरोपी अपने सभी कामों को आसानी से करा लेता था।

दर्जनों मुकदमों के बाद भी इस विभाग की इस पर मेहरबानी बनी रही, जिसके जरिए वह करोड़ों की सरकारी धन लूटता रहा। पूर्ववर्ती सपा सरकार से शुरू हुआ आरोपी का काम अब तक जारी है।

मनोज सिंह से थी करीबियां
सूत्रों की माने तो आईएएस मनोज सिंह और महेश चंद्र श्रीवास्वत के बीच काफी करीबियां थीं। कई मौकों पर दोनों एक साथ देखे गए हैं। इसके साथ ही रविंद्र द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में मनोज सिंह की उपस्थिति भी थी। सूत्रों की माने तो इसके अलावा प्रदेश के कई अन्य ब्यूरोक्रेट तक आरोपी की पहुंच है, जल्द ही उनके नामों का भी खुलासा किया जाएगा।

पढ़ें :- Bashar Al-Assad Divorce: सीरिया की सत्ता छिनने के बाद पत्नी ने भी छोड़ा पूर्व राष्ट्रपति असद का साथ; रूस में तालाक के लिए डाली अर्जी

जालसाज का करेक्टर भी जाली
कागजों पर जालसाज महेश चंद्र श्रीवास्तव का करेक्टर भी जाली था। वह धोखाधड़ी कर अपना करेक्टर सर्टिफिकेट बनवा लिया था। जांच में खुलासा हुआ कि ये फर्जी है। यूपी स्टेट कान्स्ट्रक्शन एंड इंफ्रास्ट्रचर डेवलपमेंट कारपोरेशन लि. को दिए गए रिपोर्ट में जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि महेश चंद्र श्रीवास्तव का ये चरित्र प्रमाण पत्र फर्जी है। बावजूद इसके महेश चंद्र श्रीवास्तव के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

 

Advertisement