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बेसहारा बेघर बालकों की शिक्षा उनके जीवन यापन हेतु सुगमता पहुंचाने में हम सबको बढ़-चढ़कर आगे आने की जरूरत : डॉ. रोशन जैकब

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंशा के अनुरूप भिक्षावृत्ति पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब के नेतृत्व में जनपद लखनऊ के मंडलीय जिला प्रशासन के अधिकारी निरंतर स्तर पर कार्रवाई सुनिश्चित कर रहे हैं। इसी क्रम में आज मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब की अध्यक्षता में जनपद लखनऊ में जनपद के बेसहारा बेघर बालकों की शिक्षा व भिक्षायापन करने वाले बालक व उनके परिवारजनों को अच्छा जीवन यापन प्रदान करने के उद्देश्य से आयुक्त सभागार में महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया।

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इस अवसर पर मंडलायुक्त ने कहा कि मानवीयता के आधार पर जनपद के बेसहारा बेघर बालकों की शिक्षा उनके जीवन यापन हेतु सुगमता पहुंचाने में हम सबको बढ़-चढ़कर आगे आने की जरूरत है, जिससे उनका जीवन सुखमय हो सके। इस अवसर पर मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने निर्देशित किया की स्लम बस्तियों, चौराहों आदि स्थलों पर भिक्षायापन करने वाले ऐसे समस्त बालक बालिकाओं की काउंसलिंग की जाए व बालक बालिकाओं के माता-पिता/अभिभावकों को भिक्षावृत्ति के दुष्परिणामों से भी अवगत कराया जाए। उन्होंने संबंधित अधिकारीगणों को निर्देशित करते हुए कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं से भिक्षायापन में लिप्त बालक बालिकाओं को लाभान्वित किया जाए। मंडलायुक्त ने निर्देशित किया कि चिन्हांकित बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सीमान्त) से लाभान्वित करने के साथ ही उनके माता-पिता/अभिभावक को भी पुर्नावासित करने हेतु विभिन्न पेंशन योजनाओं, राशन कार्ड आदि से जोड़ा जाए।

बैठक में सामुदायिक स्तर पर पोषण को सुनिश्चित किये जाने तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों के पूर्ति हेतु रेसपी आधारित पायलेट प्रोजेक्ट जो वर्तमान में लखनऊ जनपद के बीकेटी ब्लॉक में बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के तत्वावधान में तथा एचसीएल के सहायोग से संचालित है। मण्डल के प्रत्येक जिले में लागू कराये जाने हेतु सम्बन्धित जिला कार्यकम अधिकारियों को मंडलायुक्त द्वारा निर्देशित किया गया साथ ही जिला कार्यकम अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया कि बच्चों के परिवारों में पूर्व निर्मित डाइट चार्ट, रेसेपी बुक आंगनबाडी के माध्यम से प्रत्येक घर में पंहुचाया जाये।

मंडलायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया कि बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर तैनात प्रभारी चिकित्साधिकारियों के माध्यम से कराते हुये उपयुक्तता के आधार पर बच्चों को NRC/SNCU भेजें। लखनऊ मण्डल के समस्त जिला कार्यकम अधिकारियों, जिला प्रोबेशन अधिकारियों, बाल विकास परियोजना अधिकारियों तथा प्रभारी चिकित्साधिकारियों का मण्डल स्तर पर एक बृहद कार्यशाला का आयोजन कराये जाने का निर्देश भी दिया गया। अग्रेतर बाल देख-रेख संस्थाओं में आवासित बालक / बालिकाओं को समस्त प्रकार की सुविधायें उपलब्ध कराने के दृष्टिगत लखनऊ मण्डल के बाल देख-रेख संस्थाओं में गैप एनालिसिस करते हुये उसकी सूचना 15 दिवस के अन्दर उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये, जिससे कि सी०एस०आर० आदि के माध्यम से भी उक्त की पूर्ति किया जाना सम्भव हो सके तथा विभिन्न विभागों के आपसी समन्वय से एक बेहतर परिवेश का निर्माण हो सके।

उक्त के पश्चात मंडलायुक्त ने बेघर तथा बेसहारा एवं स्ट्रीट चिन्ड्रेन के सम्बन्ध में महिला कल्याण विभाग एवं डूडा के साथ ही कार्यरत स्वंय सेवी संगठनों को निर्देश दिये गये कि आपसी समन्वय स्थापित कर एक समावेशी सूची निर्मित करते हुये विभिन्न विभागों की योजनायें यथा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, स्पोंसरशिप योजना आदि से लाभान्वित कराया जाये। स्वास्थ्य एवं पोषण के दृष्टिगत महोदया द्वारा बेटी बचाओं बेटी पढाओं योजना अन्तर्गत महिला कल्याण विभाग एवं बाल विकास पुष्टाहार के मध्य आपसी समन्वय स्थापित करते हुये बाल स्वास्थ्य एवं पोषण पर जागरूकता संबंधी विभिन्न प्रकार के कार्यकम कराये जाने के निर्देश दिये।

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बैठक में सिटी मजिस्ट्रेट सिद्धार्थ लखनऊ मण्डल के उपनिदेशक, महिला कल्याण, अपर निदेशक, स्वास्थ्य के साथ ही बाल विकास पुष्टाहार विभाग के समस्त जनपदों के जिला कार्यकम अधिकारी, महिला कल्याण विभाग से समस्त जिला प्रोबेशन अधिकारी साथ ही श्रम विभाग, पुलिस विभाग, नगर निगम लखनऊ, बाल देख-रेख संस्थाओं के अधीक्षक / अधीक्षिका, शिक्षा, विभिन्न स्वैच्छिक संगठनों के साथ ही यूनीसेफ के प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

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