Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. देश
  3. जब युग बदलने वाले परिवर्तन होते हैं तो वो अपना समय लेते हैं…अखिल भारतीय शिक्षा समागम में बोले पीएम मोदी

जब युग बदलने वाले परिवर्तन होते हैं तो वो अपना समय लेते हैं…अखिल भारतीय शिक्षा समागम में बोले पीएम मोदी

By शिव मौर्या 
Updated Date

नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) प्रगति मैदान के अंतरराष्‍ट्रीय प्रदर्शनी सह सम्‍मेलन केंद्र परिसर (IECC) यानी ‘भारत मंडपम’ में अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन किया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की तीसरी वर्षगांठ के मौके पर इस दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस मौके पर पीएम मोदी ने शिक्षा और कौशल की 12 भारतीय भाषाओं में किताबों का विमोचन किया और पीएमश्री योजना के तहत धनराशि की पहली किस्त भी जारी की। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि, ये शिक्षा ही है, जिसमें देश को सफल बनाने और देश का भाग्य बनाने की सर्वाधिक ताकत है। आज 21वीं सदी का भारत जिन लक्ष्यों को लेकर आगे बढ़ रहा है, उनमें हमारी शिक्षा व्यवस्था का भी बहुत ज्यादा महत्व है।

पढ़ें :- दिल्ली के जाट समाज को बीजेपी से 10 सालों से मिला धोखा, केजरीवाल ने ओबीसी सूची में शामिल करने के लिए पीएम मोदी को लिखा पत्र

साथ ही कहा कि, आप सभी इस व्यवस्था के प्रतिनिधि हैं, ध्वजवाहक हैं। इसलिए अखिल भारतीय शिक्षा समागम का हिस्सा बनना मेरे लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर है। विद्या के लिए विमर्श जरूरी होता है, शिक्षा के लिए संवाद जरूरी होता है। मुझे खुशी है कि अखिल भारतीय शिक्षा समागम के इस सत्र के जरिए हम विमर्श और विचार की अपनी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। पीएम ने कहा कि, इससे पहले ऐसा आयोजन काशी के नवनिर्मित रुद्राक्ष सभागृह में हुआ था। इस बार ये समागम दिल्ली के इस नवनिर्मित भारत मंडपम में हो रहा है और खुशी की बात यह है कि विधिवत रूप से भारत मंडपम के लोकार्पण के बाद ये पहला कार्यक्रम है। खुशी इसलिए और भी बढ़ जाती है कि पहला ही कार्यक्रम शिक्षा से जुड़ा है। काशी के रुद्राक्ष से लेकर इस आधुनिक भारत मंडपम तक अखिल भारतीय शिक्षा समागम की इस यात्रा में एक संदेश भी छिपा है। ये संदेश है प्राचीनता और आधुनिकता के संगम का। यानी एक ओर हमारी शिक्षा व्यवस्था भारत की प्राचीन परंपरा को सहज रही है वहीं आधुनिक साइंस और हाईटेक टेक्नोलॉजी के फील्ड में भी हम उतना ही तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि, आज हमारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के 3 साल भी पूरे हो रहे हैं। देश भर के बुद्धिजीवियों, शिक्षाविदों और अध्यापकों ने इसे एक मिशन के रूप में लिया और आगे भी बढ़ाया। मैं आज उन सभी का भी धन्यवाद करता हूं, उनका आभार प्रकट करता हूं। जब युग बदलने वाले परिवर्तन होते हैं, तो वो अपना समय लेते हैं। 3 साल पहले जब हमनें राष्ट्रीय शिक्षा नीति की घोषणा की थी, तो एक बहुत बड़ा कार्यक्षेत्र हमारे सामने था, लेकिन आप सभी ने NEP को लागू करने के लिए जो कर्तव्यभाव और समर्पण दिखाया, और खुले मन से नए विचारों और प्रयोगों को स्वीकार करने का साहस दिखाया ये वाकई अभिभूत करने वाला एवं नया विश्वास पैदा करने वाला है।

पीएम ने कहा कि, राष्ट्रीय शिक्षा नीति में traditional knowledge systems से लेकर futuristic technology तक को बराबर अहमियत दी गई है। युवाओं को उनकी प्रतिभा की जगह उनकी भाषा के आधार पर जज किया जाना सबसे बड़ा अन्याय है। मातृभाषा में पढ़ाई होने से भारत के युवा टेलेंट के साथ अब असली न्याय की शुरुआत होने जा रही है। इसके साथ ही पीएम ने कहा कि, राष्ट्रीय शिक्षा नीति की प्राथमिकता है कि भारत के हर युवा को समान शिक्षा मिले, शिक्षा के समान अवसर मिले। समान शिक्षा का मतलब है-शिक्षा के साथ-साथ संसाधनों तक समान पहुंचे। हर बच्चे की समझ और चॉइस के हिसाब से उसे विकल्पों का मिलना। स्थान, वर्ग, क्षेत्र के कारण बच्चे शिक्षा से वंचित न रहें। इसलिए NEP का विजन और देश का प्रयास ये है कि गावं, शहर, अमीर, गरीब हर वर्ग के युवाओं को एक जैसा अवसर मिले।

पढ़ें :- PM Kisan Samman Nidhi Yojana 19th Installment Date : इस दिन आ सकती है 19वीं किस्त, जानें किन गलतियों को करने पर खाते में नहीं आएंगे पैसे?
Advertisement