लखनऊ। समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने आरएसएस प्रमुख मोहन भावगत पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि आरएसएस प्रमुख मणिपुर की घटना पर प्रदेश और केंद्र की भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराने के बजाय विदेशी शक्तियों के हाथ होने की आशंका व्यक्त कर भाजपा सरकार को क्लीन चिट देने की कुत्सित प्रयास क्यों कर रहे?
पढ़ें :- यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने बदले अपने सुर, कहा-भाजपा में न मतभेद था, न है, न होगा
दरअसल, मोहन भागवत ने आज मणिपुर हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि, मेइती और कुकी समुदाय के लोग कई वर्षों से साथ रहते आ रहे हैं। अचानक उनके बीच हिंसा कैसे भड़क गई? संघर्ष से बाहरी ताकतों को फायदा होता है। क्या बाहरी कारक शामिल हैं? आरएसएस प्रमुख के इस बयान पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने पलटवार किया है।
स्वामी प्रसाद ने कहा कि, लगभग 6 महीने से लगातार हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर की घटना पर आखिर आरएसएस प्रमुख, मोहन भागवत जी की कुम्भकर्णी नींद टूटी और अचानक मणिपुर की घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि “कहीं मणिपुर की घटना में बाहरी व विदेशी शक्तियों का हाथ तो नहीं है।” शायद भागवत जी यह भूल गए कि यदि ऐसा भी है तो भाजपा की डबल इंजन की सरकार हाथ पर हाथ रखकर क्यों बैठी है? अभी तक उस पर प्रभावी नियंत्रण क्यों नहीं किया? क्या यह चूक भाजपा के डबल इंजन की सरकार की नहीं है।
इसके साथ ही कहा, यदि भागवत जी इतने ही संवेदनशील हैं तो डबल इंजन की सरकार को कटघरे में क्यों नहीं खड़ा किया? जब भागवत जी, जी-20 के लिए केंद्र की भाजपा सरकार को बधाई दे सकते हैं, नागपुर की आरएसएस रैली में भाजपा की सरकार बनाने की फिर से अपील कर सकते हैं, तो मणिपुर की घटना पर प्रदेश और केंद्र की भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराने के बजाय विदेशी शक्तियों के हाथ होने की आशंका व्यक्त कर भाजपा सरकार को क्लीन चिट देने की कुत्सित प्रयास क्यों? भागवत जी, आपकी चिंता का मकसद मणिपुर की जनता के घाव पर मरहम लगाना नहीं अपितु प्रदेश और केंद्र की भाजपा सरकार को क्लीन चिट देना एवं फिर से केंद्र में भाजपा की सरकार बनाने की चिंता ज्यादा है।