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योगी राज में आगरा प्रशासन घोटालेबाज शोभिक गोयल के सामने क्यों है नतमस्त? हाईकोर्ट स्टे के बाद भी बेच रहा श्री राधाकृष्ण जी महाराज मन्दिर की जमीन

By टीम पर्दाफाश 
Updated Date

आगरा। भूमि घोटाले का आरोपी शोभित गोयल अब मंदिर की जमीनों को भी नहीं बख्श रहा है। मंदिर की जमीन को फर्जी दस्तावेजों के जरिए खरीदकर उसे बेचना शुरू कर दिया है। यही नहीं उसने अब मंदिर में पूजा अर्चना पर भी रोक लगा दी गयी है। सबसे बड़ी बात ये है कि हाईकोर्ट से उक्त जमीन पर स्टे लगा हुआ है। इसके बाद भी शोभित गोयल के आगे पुलिस-प्रशासन नतमस्त है। इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से लेकर जिले के जिलाधिकारी तक की गई है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। सिर्फ जांच के नाम पर खानपूर्ति की जा रही है।

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दरअसल, ये पहला मामला नहीं है जब विवादित जमीनों की खरीद फरोख्त में शोभित गोयल का नाम आया हो। इससे पहले भी सिकंदरा योजना में सेक्टर 12 और 15 में एंथम एंथेला की भूमि नीलामी घोटाला प्रकरण में इनका नाम आ चुका है। बावजूद इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। अब उसने फर्जी दस्तावेजों की मदद से ट्रस्ट की जमीन को खरीदकर अपना कब्जा जमा लिया, जबकि उक्त ट्रस्ट की जमीन को न बेचा जा सकता है और न ही खरीदा जा सकता है।

65 साल पुराने मंदिर से जुड़ी हैं लोगों की आस्था
श्री राधाकृष्ण जी महाराज मन्दिर करीब 65 साल पुराना है। इस मंदिर से वहां के आसपास के लोगों की आस्था जुड़ी है। पहले लोग मंदिर में पूजा अर्चना भी करते थे लेकिन अब शोभित गोयल ने इस पर भी रोक लगा दी है। इससे लोगों की भावनाएं भी आहत हो रहीं हैं। लोगों का कहना है कि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के रहते भी ऐसे लोगों पर कार्रवाई नहीं हो रही है, जिसके कारण अब उनका विश्वास ख्त्म होता जा रहा है।

बता दें कि, आवास विकास कॉलोनी सिकन्दरा योजना निवासी उदय प्रताप सिंह चौहान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर शिकायत की है। उन्होंने पत्र में लिखा कि, प्रार्थीगण उक्त मन्दिर श्री राधाकृष्ण जी महाराज में सेवा पूजा करने वाले एवं उसमें आस्था रखने वाले व्यक्ति हैं। उक्त मन्दिर प्रांगण में श्री राधाकृष्ण जी महाराज की प्राण प्रतिष्ठा सन 1958 में विद्यावती देवी द्वारा करायी गयी थी। इस मंदिर में महादवे एवं बालाजी महाराज के मंदिर बने हुए हैं, जिसमें स्थानीय लोगों की काफी आस्था है। लेकिन अब इस मंदिर में आम नागरिकों को पूजा अर्चना करने से रोक लगा दी गयी है।

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मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने बताया कि, इसकी जानकरी करने पर मालूम हुआ कि, विद्यावत्ती देवी ने 22-10-1958 को श्री राधाकृष्ण मूर्ति की स्थापित कर मन्दिर की प्राण प्रतिष्ठा करायी थी। पत्र में बताया गया कि, उन्होंने 28-10-1958 को बजरिये पंजीकृत पुण्य पत्र (दान पत्र) श्री राधाकृष्ण जी महाराज मन्दिर के नाम खसरा नं० 3617 नगर निगम नम्बरी 26/257 चावल वाला बाग सुल्तान गंज, विजय नगर हरीपर्वत वार्ड, आगरा को किया गया। इसमें ये भी उल्लेख किया गया कि उक्त मन्दिर की सम्पत्ति किसी भी स्थिति में विक्रय एवं रहन आदि के उपयोग में नहीं होगी। इसके साथ ही विद्यावती देवी ने 08.07.1980 को एक नियुक्ति पत्र पंजीकृत लिखा जिसमें उन्होंने विनोद कुमार सिंह, विजेन्द्र कुमार सिंह एवं प्रवीन कुमार सिंह को राधा कृष्ण महाराज ट्रस्ट का प्रबन्धक व सर्वराकार नियुक्त किया था।

विद्यावती देवी के निधन के बाद तैयार किए फर्जी दस्तावेज
इस पत्र में आरोप है ​कि, विद्यावती देवी का निधन 04.11.1986 को हुआ था। आरोप है कि, इसके बाद इन तीनों भाइयों ने अपंजीकृत फर्जी स्मृति पत्र 28.10.1986 तैयार किया गया। इसमें उनके द्वारा उल्लेख किया गया कि, खसरा सं० 3617 चावल वाला बाग में मंदिर भवन को छोड़कर उक्त सम्पत्ति का विक्रय कर सकते हैं। लेकिन विद्यावती द्वारा पंजीकृत दान पत्र 1958 में स्पष्ट उल्लेख किया गया था कि खसरा नं0 3617 का कभी भी किसी भी स्थिति में विक्रय नहीं किया जायेगा।

शोभित गोयल से मिलीभगत कर बेची जमीन
आरोप है कि, विद्यावती देवी के निधन के बाद तीनों भाइयों ने आगरा के नामचीन बिल्डर ओपी चेन्स के मालिक से इस जमीन का सौदा कर दिया। इस दौरान उन्होंने फर्जी दस्तावेज के जरिए ट्रस्ट की जमीन को ओपी चेन्स के मालिक शोभिक गोयल को बेच दी। आरोप है कि सभी जानकारी के बाद भी शोभिक गोयल ने तीनों भाइयों के साथ मिलकर जमीन को मोटे दामों में खरीद लिया।

राज्य मंत्री पुलिस कमिश्नर आगरा को लिखा था पत्र
उदय प्रताप सिंह चौहान की शिकायत पर राज्यमंत्री अजीत सिंह पाल ने पुलिस कमिश्नर आगरा को पत्र लिखा था। उन्होंने इस मामले की जांच के लिए निर्देश दिए थे। उन्होंने शिकायत पत्र पढ़ने के बाद कहा था कि, इस प्रकरण में घोर लापरवाही बरती गयी है। साथ ही पूरे मामले की जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।

मंडलायुक्त से लेकर डीएम तक भी हुई शिकायत
इस मामले की शिकायत मंडलायुक्त से लेकर डीएम तक भी की गयी है। यही नहीं आईजीआरएस पर भी उक्त जमीन की खरीद फरोख्त में हुई धांधली की शिकायत की गयी लेकिन अभी तक इस मामले में कोई एक्शन नहीं हुआ।मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने भी जांच के निर्देश दिए थे। उन्होंने नियमानुसार कार्रवाई करते हुए 10 दिनों में आख्या मांगी थी। हालांकि, इस मामले में अभी कोई कार्रवाई होती हुई नहीं दिख रही रही है।

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