Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. योगी सरकार में भी करोड़ों का भूमि घोटाला करने वाले शोभिक गोयल पर क्यों मेहरबान है शासन-सत्ता?

योगी सरकार में भी करोड़ों का भूमि घोटाला करने वाले शोभिक गोयल पर क्यों मेहरबान है शासन-सत्ता?

By टीम पर्दाफाश 
Updated Date

आगरा। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी आदित्यनाथ सरकार (yogi adityanath government) जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रही है। प्रदेश में माफिया से लेकर भूमाफियाओं पर ताबड़तोड़ कार्रवाई हो रही है। लेकिन आगरा (आगरा) में करोड़ों रुपयों का भूमि घोटाला (land scam) करने वाला शोभिक गोयल (ओपी चेन) (Shobhik Goyal) पर पुलिस-प्रशासन (police administration) की मेहरबानी जारी है। योगी राज में भी भूमाफिया शोभिक गोयल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

पढ़ें :- तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार ‘इंडिया’ के पश्चिम बंगाल में सच्चे प्रतिनिधि हैं, इस वजह से नहीं हो पाया गठबंधन: ​अभिषेक बनर्जी

 

जांच में भी शोभिक गोयल (Shobhik Goyal) के खिलाफ घोटाले के तथ्य सामने आए हैं। बावजूद इसके पुलिस-प्रशासन (police administration) कार्रवाई से बच रहा है। शासन स्तर से भी कई बार शोभिक गोयल (Shobhik Goyal) के खिलाफ जांच के आदेश हुए और कार्रवाई के लिए निर्देश दिए गए। लेकिन आगरा में अधिकारी हर बार शोभिक गोयल को बचाते रहे। अधिकारियों की मेहरबानी से करोड़ों रुपयों का भूमि घोटाला (land scam) करने वाला शोभिक गोयल पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है।

पढ़ें :- Lok Sabha Election 2024 : महाराष्ट्र के लिए कांग्रेस पार्टी ने जारी की स्टार प्रचारकों की सूची,देखें कौन है शामिल?

 

आवास विकास परिषद के अधिकारी भी खामोश
शोभिक गोयल (Shobhik Goyal) के खिलाफ आवास विकास परिषद (Housing Development Council) के अधिकारी भी खामोश हैं। आखिर कब तक करोड़ों का भूमि घोटाला (land scam) करने वाले भू​ माफिया (land mafia) पर अधिकारियों की मेहरबानी जारी रहेगी। सहकारी कृषि प​र्यवेक्षक देवेंद्र कुमारी सोनी की भी जांच में शो​भिक गोयल (Shobhik Goyal) के द्वारा किए गए भूमि घोटाले के प्रमाण मिले थे। उन्होंने आरोपी पर कार्रवाई के लिखा था लेकिन आज तक उस जांच पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।

देवेंद्र कुमार सोनी ने अपनी जांच में कहा था कि शोभित गोयल ने फर्जी तरीके से सीमित की सिंकदरा योजना में सेक्टर 12 एवं 15 में विवादित ​नीलामी के दौरान करोड़ों का घोटाल किया। इसके साथ ही उन्होंने अपनी जांच में शोभिक गोयल द्वारा किये गये दान पत्र एवं अनुबंध पत्र को निरस्त करते हुये तत्कालीन सचिव एवं प्रबन्ध कमेटी के विरुद्ध कार्यवाही की अपेक्षित होने का उल्लेख किया था।

Advertisement