World Blood Donor Day: विश्व रक्तदाता दिवस पर किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के ब्राउन हाल में शुक्रवार को बड़ा आयोजन हुआ। यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने विश्व रक्तदाता दिवस पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुझाव दिया कि जो युवा ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करते, उनसे रक्तदान कराया जाए। इस दौरान उन्होंने रक्तदान का महत्व बताते रक्तदान शिविर लगाने वाली संस्थाओं व व्यक्तियों को सम्मानित किया। राज्यपाल आनंदी बेन ने कहा कि तमाम प्रयास के बाद भी लोगों में रक्तदान के प्रति जागरूकता नहीं आई। जागरूकता के बावजूद अभी भी पर्याप्त मात्रा में आज भी रक्तदान नहीं हो पाता। इस अवसर पर “रक्तदान को सम्मान“ स्मारिका का विमोचन तथा रक्तदाताओंं व संस्थाओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया।
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यूपी पुलिस में उपनिरीक्षक महादानी जितेंद्र सिंह को राज्यपाल ने किया सम्मानित
यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर पद पर कार्यरत जितेंद्र सिंह रक्तदान के क्षेत्र में कार्य करने के साथ पत्नी सरिता सिंह के साथ देहदान कर चुके हैं। इनको केजीएमयू ट्रांस्फ़्यूजन विभाग द्वारा रक्तदान के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान देने के लिए राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, कुलपति केजीएमयू सोनिया नित्यानंद, सचिव स्वास्थ्य पार्थ सारथी की उपस्थिति में प्रशस्ति पत्र देकर किया सम्मानित किया।
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ में ‘‘रक्तदान को सम्मान 2024’’ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर “रक्तदान को सम्मान“ स्मारिका का विमोचन तथा रक्तदाताओंं व संस्थाओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया। pic.twitter.com/c9taDM47u6पढ़ें :- viral video: मौत से लड़ रहा शख्स KGMU में इलाज के लिए मांगता रहता जिंदगी की भीख, फिर भी नहीं मिला वेंटिलेटर, मौत
— Governor of Uttar Pradesh (@GovernorofUp) June 14, 2024
यूपी पुलिस में कार्यरत सब इंस्पेक्टर जितेन्द्र सिंह ने नौकरी के साथ ही मानवता की सेवा का ऐसा कदम उठाया है। जिसकी हर तरफ प्रशंसा हो रही है। इन्होंने अपनी पत्नी सरिता सिंह को साथ लेकर किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में अंगदान किया है। श्री सिंह का मानना है कि मृत्यु के पश्चात उनका शरीर किसी के काम आये यह उनके लिये सौभाग्य की बात है। यहीं धारणा उनकी पत्नी व बेटी की भी है।
आपको बता दें कि नौकरी के बाद मिले समय में विश्राम या मनोरंजन के बजाए निकल पड़ते हैं बेसहारा, मजलूमों गरीबों, जरुरत मंदो की मदद करने अपनी बेटी पत्नी को साथ लेकर मोहल्ले वालों और परिचितों से कुछ सामान, धन, पुराने नए कपड़े लेकर गरीबों में बांट देते हैं। श्री सिंह ने बताया कि उन्हें इस कार्य से बड़ा सुकून मिलता है।
जितेन्द्र सिंह कहते हैं कि इस सामाजिक कार्य के लिये भेदभाव नहीं देखते। यह सभी कार्य वह अपने खुद के वेतन को बचाकर करते हैं। पुलिस महानिदेशक कार्यालय में तैनात जितेन्द्र सिंह की सब इंस्पेक्टर जितेन्द्र सिंह और उनकी पत्नी सरिता ने देहदान का फैसला लिया। इसके लिये बकायदा उन्होने कानूनी प्रक्रिया भी पूरी की, जिससे बाद में कोई विवाद उत्पन न हो।
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वर्ष 1991 में यूपी पुलिस की नौकरी शुरु करने वाले जितेन्द्र सिंह मूलरुप से यूपी के गोण्डा जिले के थाना उमरीबेगमगंज, सेमरीकलां गांव निवासी हैं। मौजूदा समय में यह डीजीपी पीआरओ सेल में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं। जितेंद्र सिंह का पश्चिम बंगाल कलकत्ता में जन्म हुआ। उनके पिता ईश्वर सिंह वहीं पर नौकरी करते थे। उनके साथ कक्षा- 8 तक शिक्षा पूरी करने के बाद आगे की शिक्षा अपने गांव सेमरी कला जिला गोंडा आकर बीएससी की पढ़ाई पूरी की।
मिलने वालों को करते रहते हैं जागरुक
परिवार को साथ लेकर जब भी किसी कार्यक्रम में जाते है तो रक्तदान, देहदान, नेत्रदान व अंगदान के लिये लोगों को जागरुक भी करते रहते है। इसे कारण परिवार में भी इनकी अलग साख है। इसके साथ ही मानसिक विक्षिप्त, दिव्यांग महिलाओं-युवतियों के लिये उनके संस्थाओं में जाकर राशन, कपड़ा व जरूरत का सामान वितरित करते हैं। वह भी अपने वेतन के रुपयों से रास्ते में दिखे भूखे जानवरों को भी खाना खिलाने से परिवार पीछे नहीं हटते।
जब भी समय मिलता है वह समाज के प्रति सेवा करने के लिए तैयार रहते हैं। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि उनकी कार्यप्रणाली खुद बता रही है। पत्नी सरिता, बेटी अंजली सिंह ने नेत्रदान का संकल्प लिया। हर महीने परिवार के साथ बिना हो हल्ले के रक्तदान भी किया करते है। विभाग को जब इस सामाजिक कार्य की जानकारी हुयी, जो बीते कई वर्षों से हो रही थी। इससे सब हतप्रभ रह गये। जितेंद्र सिंह ने कहा अभी मुझे लोगों की गरीबी देख कर बहुत दुख होता है, इतना मेरे पास पैसा नहीं है कि बहुत से गरीब लड़कियों की शादी या बुजुर्ग की सेवा करा सकें फिर भी मेरी तनख्वाह से घर के खर्च के बाद जो बचता है। उससे कुछ न कुछ किया करता हूं, यह सब कार्य करने में मेरी पत्नी यह मेरी बेटी का पूरा सहयोग रहता है।
अंगदान – नेत्रदान का भरा संकल्प पत्र
अंगदान के लिये जितेन्द्र ने अपनी पत्नी सरिता के साथ कानूनी प्रक्रिया कर चुके हैं। इसके लिये उन्होंने संकल्प पत्र भी भरा। वहीं बेटी अंजली सिंह ने भी अपने माता-पिता का साथ देते हुये नेत्रदान का पत्र भरा है। तीनों लोग आये दिन रक्तदान भी करते रहते हैं ।
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सम्मान मां विंध्यवासिनी , गहरवार वंश के पूर्वजों ,बड़ों व छोटों को किया सपर्पित
श्री सिंह यह सम्मान मिलने पर कहा कि यह मां विंध्यवासिनी , गहरवार वंश के हमारे पूर्वजों और बड़ों के आशीर्वाद से सम्भव हो पा रहा है। यह सम्मान हमारे पूर्वजों और आप सभी बड़ों तथा छोटों को सपर्पित है। इसका मुख्य अधिकार आप सभी को है जिनकी प्रेरणा ,जिनके उचित मार्गदर्शन,जिनके संस्कारों के परिणाम स्वरूप मुझमे यह सेवा भाव आया और एक सूदूर गांव से निकल निकलकर मुझसे यह सब सम्भव हो पा रहा है।