Jyeshta Durga Ashtami 2024 : सनातन धर्म मां आदिशक्ति माता दुर्गा की पूजा-अर्चना घर घर में होती है। भक्त गण सुख दुख सभी अवसरों पर मां दुर्गा की कठिन आराधना कर उन्हें प्रसन्न करते है। ज्येष्ठ माह में पड़ने वाली दुर्गा अष्टमी का बहुत महत्व है। हर माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी (Masik Durgashtami) का व्रत रखकर विधि-विधान से माता की पूजा अर्चना की जाती है। जून माह की 14 तारीख को ज्येष्ठ दुर्गा अष्टमी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि दुर्गाष्टमी का व्रत रखने से भक्तों के सभी प्रकार के कष्ट, भय, रोग और संकट समाप्त हो जाते हैं। दुर्गाष्टमी के दिन माँ दुर्गा का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें। पूरी श्रद्धा के साथ माता दुर्गा की आरती करें।
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ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 13 जून रात 9 बजकर 33 मिनट पर शुरू होगी और 15 जून को देररात 12 बजकर 3 मिनट तक रहेगी।
मान्यता है कि दुर्गाष्टमी के दिन कुछ खास चीजों का भोग लगाने से माता अति प्रसन्न होती हैं और भक्तों को मनचाहा वरदान देती है। आइए जानते हैं दुर्गाष्टमी के दिन माता रानी को किन चीजों का भोग लगाना शुभ होता है।
खीर का भोग
मासिक दुर्गाष्टमी के दिन माता की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करें और उन्हें खीर का भोग लगाएं। भोग लगाने के लिए खीर (Kheer) को सबसे उत्तम माना जाता है और खीर का भोग लगाने से माता रानी प्रसन्न होकर भक्तों पर असीम कृपा करती हैं।
पंचामृत और शक्कर का भोग
मासिक दुर्गाष्टमी के दिन माता मां दुर्गा को पंचामृत और शक्कर का भोग लगाया जा सकता है। कहते हैं देवी-देवताओं को पंचामृत और शक्कर का भोग लगाने से दीर्घायु का वरदान प्राप्त होता है।
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दुर्गाष्टमी को माता रानी की दूध से बनी मिठाइयों का भोग लगाना चाहिए। माना जाता है दूध से बनी मिठाइयों से माता को भोग लगाने से धन की प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है।