Yogi Cabinet Expansion: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने विधानसभा चुनाव 2022 से ठीक पहले अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया है। इस मंत्रिमंडल विस्तार में एक कैबिनेट मंत्री समेत सात को मंत्री बनाया गया है। योगी सरकार के इस मंत्रिमंडल विस्तार में जातिय गणित का काफी ध्यान रखा गया है। इस विस्तार में जितिन प्रसाद (ब्राह्मण) के अलावा संगीता बलवंत बिंद (ओबीसी), धर्मवीर प्रजापति (ओबीसी), पलटूराम (एससी), छत्रपाल गंगवार (ओबीसी), दिनेश खटिक (एससी) और संजय गौड़ (एसटी) को मंत्री बनाया गया है।
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चुनाव से ठीक पहले योगी सरकार का ये विस्तार सिर्फ जातिया समीकरण को साधने का लग रहा है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि, जब तक ये मंत्री अपने विभाग के कामों को समझेंगे तब तक प्रदेश में आचार संहिता लग जाएगी। लिहाजा, ये काम भी नहीं कर पायेंगे। हालांकि, योगी सरकार चुनाव के दौरान अपने मंत्रिमंडल में शामिल, ब्राह्मण, ओबीसी और दलित मंत्रियों के नामों को जरूर भुनाना चाहेगी।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि, विधानसभा चुनाव 2022 में योगी सरकार ब्राह्मण, ओबीसी और दलित वोटों को लेकर काफी चिंतित है और इन्हें साधने के लिए योगी सरकार हर दांव पेंच लगा रही है। दरअसल, योगी सरकार पर लगातार ये आरोप लग रहे हैं इस सरकार में राजपूत को बढ़ाया जा रहा है। ऐसे में चुनाव से ठीक पहले ओबीसी, एससी और एसटी वोटरों को ध्यान में रखते हुए ये विस्तार किया गया है।
विभाग का काम समझते ही लग जायेगी आचार संहिता
योगी कैबिनेट के विस्तार में जिन सात नेताओं को मंत्री बनाया गया है, उन्हें विभाग के आंवटन के साथ ही उस विभाग के कामों को समझने में काफी समय लग जाएगा। मंत्रियों के काम को समझते ही विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर आचार संहिता लग जाएगी। ऐसे में ये कोई काम नहीं कर पायेंगे। हालांकि, सरकार इन मंत्रियों के चेहरों का चुनाव में भूनाने की कोशिश करेगी और ब्राह्मण, ओबीसी, एससी और एसटी वोटरों को अपनी तरफ खींचने की कोशिश करेगी।