लखनऊ। उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव (Assembly elections) को देखते हुए भाजपा योगी सरकार (Yogi Sarkar) जल्द मंत्रिमंडल विस्तार (Cabinet Expansion Soon) कर सकती है। इसके जरिए सियासी और जातीय समीकरण (Caste Equation) का दांव साधने जा रही है। दिल्ली में बीजेपी के केंद्रीय और उत्तर प्रदेश के शीर्ष नेताओं के बीच बैठक हुई। इस बैठक में योगी कैबिनेट (Yogi cabinet ) विस्तार और नए मंत्रियों के नाम को लेकर मुहर लग गई है।
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इस बैठक में योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार और एमएलसी बनाए जाने के लिए चार नामों पर सहमति बन गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यूपी की योगी सरकार के कैबिनेट विस्तार में पांच से छह मंत्री बनाए जा सकते हैं। बीजेपी 2022 का चुनाव (BJP 2022 election) देखते हुए बीजेपी (BJP) नेताओं के साथ-साथ सहयोगी दलों को भी कैबिनेट में जगह देकर सियासी समीकरण साधने की कवायद में है।
मंत्रिमंडल में पूर्व नौकरशाह एवं भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष अरविंद कुमार शर्मा, निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद (Nishad Party President Sanjay Nishad) को मौका दिए जाने पर मुहर लग गई है। इस बैठक में संजय निषाद खुद भी शामिल थे और लंबे समय से बीजेपी पर दबाव बनाने में जुटे थे। वहीं, सूबे में ब्राह्मण समुदाय (Brahmin Community) की नाराजगी को देखते हुए बीजेपी जितिन प्रसाद और लक्ष्मीकांत वाजपेयी को भी मंत्री बना सकती है। तो वहीं, कैबिनेट में दलित समुदाय से आने वाले विद्यासागर सोनकर को बीजेपी मंत्री बना सकती है।
बता दें कि जितिन प्रसाद ने हाल ही में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामा था जबकि लक्ष्मीकांत वाजपेयी 2014 के बाद से पार्टी में साइड लाइन चल रहे थे, लेकिन, बसपा और सपा ब्राह्मण समुदाय की अनदेखी को लेकर योगी सरकार को घेरने में जुट गई है। ऐसे में बीजेपी अपने ब्राह्मण समीकरण को दुरुस्त करने में जुट गई है, जिसके चलते जितिन प्रसाद की पार्टी एंट्री और अब लक्ष्मीकांत वाजपेयी को दोबारा से सियासी अहमियत देने की दिशा में बीजेपी कदम उठा रही है।
राज्यपाल कोटे से मनोनीत होने वाले एमएलसी के नामों पर भी गुरुवार शाम मुहर लग गई है। चर्चा यही है कि नए एमएलसी में से भी एक-दो को मंत्री बनाया जा सकता है। जिसमें जितिन प्रसाद, लक्ष्मीकांत वाजपेयी और संजय निषाद को बीजेपी राज्यपाल कोटे के जरिए एमएलसी बनाकर मंत्री बनाने का कदम उठा सकती है, जबकि विद्यासागर सोनकर पहले से एमएलसी हैं।
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बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कुल 53 मंत्री हैं। इनमें 23 कैबिनेट, नौ राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 21 राज्यमंत्री हैं। यूपी अधिकतम 60 मंत्री बनाए जा सकते हैं, इसलिए सात और मंत्री बनाए जाने की गुंजाइश योगी कैबिनेट में है। यूपी में अब विधानसभा चुनाव में महज छह महीने का समय बचा है। ऐसे में सरकार और संगठन, दोनों ही जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाने की नीति-रणनीति पर काम कर रहे हैं।