लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) ने एक बार फिर बड़ा फेरबदल किया है। इसके तहत छह विशेष सचिवों के तबादले किए गए हैं। इस तबादले का उद्देश्य विभिन्न विभागों में कार्यदक्षता बढ़ाना, नीतियों के क्रियान्वयन को प्रभावी बनाना, और प्रशासनिक प्रणाली को और अधिक चुस्त-दुरुस्त बनाना है। खास बात यह है कि जिन अधिकारियों का तबादला किया गया है, उन्हें राज्य के महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
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देखें लिस्ट
1-प्रभात कुमार विशेष सचिव चिकित्सा शिक्षा
2-दीपक कोहली विशेष सचिव लोक निर्माण
3-सर्वेश कुमार सिंह विशेष सचिव कृषि विभाग
4-अनिल कुमार सिंह विशेष सचिव नियोजन विभाग
5-शिवाजी सिंह विशेष सचिव खाद्य रसद विभाग
6-राजाराम द्विवेदी विशेष सचिव राजस्व विभाग
चिकित्सा शिक्षा विभाग को मिला नया विशेष सचिव
सरकार ने प्रभात कुमार को विशेष सचिव, चिकित्सा शिक्षा विभाग बनाया है। प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा को लेकर लगातार सुधारात्मक प्रयास हो रहे हैं, और प्रभात कुमार को इस दिशा में बेहतर कार्यों की जिम्मेदारी दी गई है। माना जा रहा है कि इस बदलाव से मेडिकल कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों के कामकाज में सुधार आएगा।
लोक निर्माण विभाग में दीपक कोहली की तैनाती
दीपक कोहली को विशेष सचिव, लोक निर्माण विभाग (PWD) के रूप में तैनात किया गया है। यह विभाग सड़क निर्माण और इंफ्रास्ट्रक्चर से संबंधित कार्यों के लिए बेहद अहम माना जाता है। दीपक कोहली को इस क्षेत्र में अनुभव रखने वाला अधिकारी माना जाता है।
कृषि, नियोजन, खाद्य रसद और राजस्व में भी नए चेहरे
सर्वेश कुमार सिंह को कृषि विभाग में विशेष सचिव बनाया गया है। यह तैनाती किसानों के हित में चलाई जा रही योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। अनिल कुमार सिंह को नियोजन विभाग में भेजा गया है। इस विभाग का संबंध राज्य की विकास योजनाओं और बजट नियोजन से है। शिवाजी सिंह को खाद्य रसद विभाग का विशेष सचिव बनाया गया है। यह विभाग खाद्यान्न वितरण, राशन कार्ड और जन वितरण प्रणाली से जुड़ा है। वहीं, राजाराम द्विवेदी को राजस्व विभाग में विशेष सचिव की जिम्मेदारी दी गई है। राजस्व विभाग सीधे जनता से जुड़ा है और इसकी कार्यप्रणाली प्रशासनिक दक्षता पर निर्भर करती है।
प्रशासनिक सुचिता और जवाबदेही को बढ़ाने का प्रयास
सरकार द्वारा किया गया यह तबादला एक रूटीन प्रशासनिक प्रक्रिया का हिस्सा है, लेकिन इसके पीछे उद्देश्य यह भी है कि विभागों में नई ऊर्जा और उत्तरदायित्व की भावना को बढ़ाया जा सके। सभी अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से कार्यभार ग्रहण करने का निर्देश दिया गया है। यह फेरबदल न सिर्फ प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे प्रदेश के विभिन्न योजनागत कार्यों में भी नई गति आने की उम्मीद जताई जा रही है।