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योगी सरकार सफाई मित्रों के मान-सम्मान, मानदेय एवं जीवन की सुरक्षा की कर रही चिंता : एके शर्मा

By शिव मौर्या 
Updated Date

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्माने आज विधान परिषद में बसपा सदस्य भीमराव अंबेडकर द्वारा सफाई कर्मियों की समस्याओं के सम्बन्ध में उठाये गए बिंदुओं पर कार्य स्थगन प्रस्ताव लाकर चर्चा कराने तथा इस पर सरकार का पक्ष जानने पर मंत्री एके शर्मा ने अपनी बात लोहिया जी के कथन “जनप्रतिनिधियों के कथनी और करनी में मेल होना चाहिए” से शुरू की। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों के कथनी और करनी में अंतर नहीं होना चाहिए। प्रदेश सरकार सफाई कर्मियों के लिए जो भी आवश्यक हो सकता है, उनके लिए कर रही है। उनके द्वारा किये जाने वाले गंभीर कार्यों के दौरान जीवन को सुरक्षित करने के लिए सेफ्टी किट दी गई हैं, उनका जीवन खुशहाल रहे इसके लिए उनका मानदेय भी बढ़ाया गया है। प्रदेश सरकार सफाई कर्मियों के लगन, मेहनत, पुरुषार्थ से किए गए कार्यों से पूरी तरह संतुष्ट है और सफाई कर्मी भी प्रदेश की नीतियों से खुश हैं।

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श्री शर्मा ने कहा कि जैसे ही मैं प्रदेश का मंत्री बना, उसके दूसरे दिन ही सेप्टिक टैंक सफाई के दौरान कुछ सफाई कर्मियों की मृत्यु हो गई थी, जो मेरे लिए अत्यंत पीड़ादायक थी। मैंने उनके जीवन की सुरक्षा हेतु तत्काल किट उपलब्ध कराने के लिए कहा। मैं स्वयं भी सुबह-सुबह सफाई कर्मियों से प्रतिदिन रूबरू होता हूं और उनकी चिंता करता हूं। साथ ही सफाई कर्मियों के कार्यों का सम्मान बढ़ाने और उनका सहयोग करने के लिए लोगों से भी अनुरोध करता हूं और लोगों को इसके लिए जागरूक भी करता हूं कि सफाई कर्मियों का मान सम्मान का ध्यान रखें और उनका सहयोग करें। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मियों की बदौलत ही जीआईएस और जी-20 सम्मेलन के दौरान विश्वभर से आए प्रतिनिधियों ने यहां की नगरीय व्यवस्था और साफ सफाई की प्रशंसा की। उनकी सराहना से सफाई कर्मियों का और मनोबल बढ़ा है।

प्रदेश सरकार सफाई कर्मियों के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय न हो, उन्हें समय से वेतन मिले, उनकी सुरक्षा के साथ उनकी जान माल की भी चिंता कर रही है। आंबेडकर जी द्वारा सफाई कर्मियों की सेवा नियमावली बनाने की बात पर उन्होंने कहा कि सफाई कर्मियों की सेवा नियमावली की जहां तक बात है, इस पर भी सरकार का ध्यान है। उन्होंने कहा कि अंबेडकर जी द्वारा आरोप लगाना कि सफाई कर्मियों को बिना सुरक्षा उपकरण के खतरनाक कार्यों में लगाया जाता है। निजी कंपनियां उनका शोषण कर रही हैं। मैं बता देना चाहता हूं कि इस व्यवस्था को प्रदेश में लागू करने के लिए सपा और बसपा सरकार ही जिम्मेदार हैं।

जिन्होंने अपने शासनकाल में इसकी पूरी व्यवस्था की। इसके लिए मुलायम सिंह जी के 2003-07 के दौरान 2004, 2005, 2006 में शासनादेश के माध्यम से कुछ निकायों में 06 माह के लिए यह ठेकेदारी के माध्यम से साफ़-सफाई की व्यवस्था प्रयोग के रूप में लागू की गयी थी। प्रदेश में निजीकरण का पहला प्रयोग मुलायम सिंह जी के समय ही हुआ। मायावती जी के समय 2007-12 में 8 सितम्बर तथा 7 दिसम्बर 2010 के साशनादेश में इस व्यवस्था को पूरी तरह धरातल पर उतारने का कार्य किया गया और अखिलेश जी के समय 2012-17 में इस प्रयोग को और पुख्ता किया गया।

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