कानपुर। देश के न्यायालय, न्याय करने वाले जज व न्याय की पैरवी करने वाले अधिवक्ता भी सुरक्षित नहीं तो आम जनता की स्थिति क्या होगी? दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में हुई घटना ने आम जनमानस में भय का वातावरण बना हुआ।
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उक्त बातें मुलायम सिंह यादव एडवोकेट पूर्व महामंत्री जिला बार एसोसिएशन कानपुर देहात ने जनपद कन्नौज में विगत दिनों से न्यायिक कार्य से बिरत चल रहे अधिवक्ताओं से मिलने जाते वक्त रसूलाबाद तहसील में कहीं। उन्होंने कहा कि कचहरी के अधिवक्ताओं को लेकर न प्रशासन गंभीर है। उन्होंने कहा कि पुलिस और घर से कचहरी जाने वाले अधिवक्ताओं को मन में एक डर सा बैठ गया है कि वह जिंदा वापस घर आएगा कि नहीं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में रोहिणी कोर्ट के अंदर दिनदहाड़े अंधाधुंध फायरिंग की गई । गोलियों की तड़तड़ाहट से कोर्ट परिसर में सनसनी फैल गई। जहां पर बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी हर वक्त मौजूद रहते हैं। वहां तीन की मृत्यु व घायल हुए। प्रदेश के किसी भी जनपद में मेटल डिटेकटर ठीक से काम नहीं कर रहे और न ही प्रवेश करते वक्त सघन जांच होती है। जिससे न्यायालय में शास्त्रों सहित प्रवेश हो जाते हैं। जो बहुत ही चिंता की बात है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अपराधियों के विरुद्ध कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है, जिससे प्रदेश के अधिवक्ता अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। जब अधिवक्ता स्वयं असुरक्षित होगा तो बादकारी को क्या सुरक्षित रख पाएगा? उत्तर प्रदेश के जनपद बिजनौर में भरी अदालत में गोलीकांड से भी सबक नहीं लिया जा रहा है। जो बहुत ही अफसोस है। उन्होंने कहा कि सरकार से मांग करते हैं कि न्यायालयों की पुख्ता सुरक्षा के इंतजाम किए जाएं अधिवक्ता प्रोटक्शन एक्ट (Advocates Protection Act) अविलंब लागू किया जाए अपराधियों के ऊपर कड़ी कार्रवाई की जाए।