नई दिल्ली। आज से 50 साल पहले आज के दिन देश में आपातकाल की घूषणा की गई थी यह घोषणा तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में लागू किया था। बताते चले कि 1975 में 25 और 26 जून की रात से लगातार 21 मार्च 1977 तक यानी की 21 महीने तक यह आज इस declaration of emergency को 50 साल पूरे हो गए। हकीकत बात यह है कि फखरुद्दीन अली अहमद राष्ट्रपति थे और उस समय प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी की सरकार थी । सविधान के अनुच्छेद 352 के तहत देश में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की थी। आपातकाल का मुख्य कारण इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक फैसले को बताया जाता है। उस फैसले में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को चुनाव प्रचार अभियान में कदाचार का दोषी करार दिया गया था। दरअसल, 1971 के चुनाव में इंदिरा गांधी बड़े अंतर से जीती थीं। पार्टी को भी बड़ी जीत दिलाई थी। प्रतिद्वंद्वी राजनारायण ने इंदिरा की जीत पर सवाल उठाते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया। राजनारायण ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि इंदिरा गांधी ने चुनाव जीतने के लिए गलत तरीकों का इस्तेमाल किया है। मामले की सुनवाई हुई और इंदिरा गांधी के चुनाव को निरस्त कर दिया गया।
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इंदिरा गांधी सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम देश में कई ऐतिहासिक घटनाओं की वजह बना। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद समय था। भाजपा ने इसका विरोध कर कटु प्रहार करते हुए विपक्षी पार्टी द्वारा लोकतंत्र की हत्या करने और उसे नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। बताते चले कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आपातकाल का जिक्र करते हुए कांग्रेस को घेरा। उन्होंने कहा कि आज भारतीय लोकतंत्र की रक्षा का दावा करने वाले संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए उठाई गई आवाजों को दबाने का कोई मौका नहीं छोड़ा। भाजपा ने आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र में एक काला अध्याय बताया है।