Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. ख़बरें जरा हटके
  3. 5000 आवारा कुत्तों की मौज, बेंगलुरु में कुत्ते रोज खाएंगे चिकन-चावल; सालाना तीन करोड़ होगा खर्च

5000 आवारा कुत्तों की मौज, बेंगलुरु में कुत्ते रोज खाएंगे चिकन-चावल; सालाना तीन करोड़ होगा खर्च

By Abhimanyu 
Updated Date

‘Kukkir Tihar’ Scheme: बेंगलुरु में बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) ने ‘कुक्किर तिहार’ नाम से एक वर्षीय पायलट योजना शुरू करने का फैसला किया है। इस अनोखी योजना के तहत शहर के लगभग 5,000 आवारा कुत्तों को रोजाना चिकन, चावल और सब्जियों से बना पौष्टिक भोजन खिलाया जाएगा। बीबीएमपी इस इस पहल का अनुमानित खर्च 2.8 से 2.9 करोड़ रुपये सालाना है। जिसका विरोध भी शुरू हो गया है।

पढ़ें :- आजम खान के बेटे को फर्जी पासपोर्ट के मामले में एमपी- एमएलए कोर्ट ने सुनाई सात साल की सजा

बीबीएमपी के अधिकारियों के अनुसार, यह एक वर्षीय पायलट योजना ‘वन हेल्थ’ कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसमें रेबीज कंट्रोल, टीकाकरण और नसबंदी जैसे प्रयास शामिल हैं।   ‘कुक्किर तिहार’ योजना का मकसद आवारा कुत्तों की आक्रामकता और काटने की घटनाओं को कम करना है। इसके अलावा, योजना के जरिये रेबीज जैसे जानलेवा रोगों पर नियंत्रण पाने की कोशिश की जाएगी। इसकी सफलता के आधार पर एक और वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। शहर में हर महीने कुत्ते काटने के 500 से 1,500 केस सामने आते हैं। मई 2025 में कुत्तों के काटने के 16,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए।

‘कुक्किर तिहार’ योजना के तहत शहर के प्रत्येक आवारा कुत्ते को रोजाना 367 से 600 ग्राम वजन वाला खाना दिया जाएगा। जिसमें 150 ग्राम चिकन, 100-100 ग्राम चावल और सब्जी, 10 ग्राम तेल और थोड़ा नमक व हल्दी शामिल होंगे। एक बार परोसे गए खाने में 465 से 750 किलो कैलोरी तक ऊर्जा होगी। यह भोजन एफएसएसएआई-पंजीकृत केंद्रीकृत रसोईघरों में तैयार किया जाएगा। इस दौरान सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी। खाना सुबह 11 बजे से पहले 100-125 फीडिंग प्वाइंट्स पर आवारा कुत्तों को वितरित किया जाएगा। बीबीएमपी ने खाना बनाने और फीडिंग पॉइंट्स के आसपास स्वच्छता बनाए रखने के लिए टेंडर जारी किए हैं।

इस योजना पर सालाना लगभग 2.8 से 2.9 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। हालांकि, कांग्रेस सांसद कार्ति पी. चिदंबरम ने बीबीएमपी की इस योजना को लेकर सवाल खड़े किए हैं। कार्ति ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “क्या यह सच है? कुत्तों का सड़कों पर कोई स्थान नहीं है। इन्हें शेल्टर में शिफ्ट किया जाना चाहिए, जहां इन्हें भोजन, टीकाकरण और नसबंदी दी जाए। उन्हें सड़कों पर खुला छोड़ना एक बड़ा स्वास्थ्य और सुरक्षा खतरा है।” वहीं, अन्य लोगों का कहना है कि बीबीएमपी एक कुत्ते के भोजन पर प्रतिदिन 22 रुपये खर्च कर रही है, जबकि स्कूलों में बच्चों के लिए मिड-डे मील पर प्रतिदिन मात्र 12.42 रुपये खर्च होते हैं।

पढ़ें :- तीसरे वनडे में देखने को मिल सकता बड़ा बदलाव, हार का जिम्मेदार खिलाड़ी होगा बाहर
Advertisement