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अडानी द्वारा कंपनी की 100% हिस्सेदारी हासिल करने के बाद वीआईपीएल 07 जुलाई, 2025 से कंपनी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी बन गई है। द इकोनॉमिक टाइम्स की वेबसाइट के अनुसार, वीआईपीएल महाराष्ट्र नागपुर जिले के बुटीबोरी में स्थित 2×300 मेगावाट का घरेलू कोयला आधारित बिजली संयंत्र है। कंपनी दिवालियापन संहिता (IBC) के तहत कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP) से गुजर रही थी।
खबरों के अनुसार, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की मुंबई बेंच ने 18 जून, 2025 को अडानी पावर की समाधान योजना को मंजूरी दे दी है। इसे 7 जुलाई, 2025 को सफलतापूर्वक लागू किया गया। इस अधिग्रहण के साथ, अडानी पावर ने अपनी कुल परिचालन क्षमता को 18,150 मेगावाट तक बढ़ा लिया है। कंपनी की योजना FY 2029-30 तक 30,670 मेगावाट क्षमता हासिल करने की है।
मालूम हो कि थर्मल पावर की दिग्गज कंपनी का लक्ष्य Stressed Assets के टर्नअराउंड के माध्यम से वैल्यू अनलॉक करना है, इसलिए वीआईपीएल का सफल अधिग्रहण किया गया। वीआईपीएल का अधिग्रहण Stressed Assets के टर्नअराउंड के माध्यम से मूल्य अनलॉक करने की अडानी पावर की रणनीति में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।