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Afghanistan : उप प्रधानमंत्री मुल्ला बरादर को हक्कानी नेटवर्क ने बनाया बंधक, अखुंदजादा को उतारा मौत के घाट

By संतोष सिंह 
Updated Date

अफगानिस्तान । तालिबान (Taliban) के अंदर ही चल रहे सत्ता संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसके बीच चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आ रही है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हक्कानी नेटवर्क (Haqqani network) और तालिबान के बीच हुए खूनी संघर्ष (Bloody Conflict) में सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा (Supreme Leader Hibatullah Akhundzada) का कत्ल कर दिया गया है। अफगानिस्तान (Afghanistan) के उप प्रधानमंत्री मुल्ला बरादर (Deputy Prime Minister Mullah Baradar)  को बंधक बना लिया गया है।

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ब्रिटेन की एक मैगजीन के रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि सत्ता के खूनी संघर्ष में सबसे ज्यादा नुकसान बरादर गुट (Baradar Group) को ही हुआ है। बता दें, अफगानिस्तान (Afghanistan)  में सरकार गठन के साथ ही तालिबान के अंदर संघर्ष सामने आया था। बरादर गुट व हक्कानी नेटवर्क (Haqqani network)  सत्ता में हिस्सेदारी को लेकर आपस में भिड़ गए थे।

बैठक में ही पीटा गया था बरादर, जबरन बनवाया वीडियो

मैगजीन ने दावा किया है कि सितंबर में हक्कानी नेटवर्क और तालिबान के बीच सरकार गठन को लेकर बैठक के दौरान दोनों गुटों के बीच बहस हो गई। इसी दौरान हक्कानी नेटवर्क (Haqqani network)  का नेता खलील-उल रहमान हक्कानी (Khalil-ul Rehman Haqqani) मुल्ला बरादर (Mullah Baradar) पर मुक्के बरसाने शुरू कर दिए। इसके बाद दोनों गुटों के बीच जमकर संघर्ष हुआ और बरादर को गोली लगने की खबरें सामने आईं।

इस संघर्ष के बाद कई दिनों तक बरादर किसी के सामने नहीं आया। कयास लगाए जाने लगे कि गोली लगने से बरादर की मौत हो गई। इसी के बाद बरादर का एक वीडियो जारी हुआ, जिसमें उसने खुद को ठीक बताया। मैगजीन का दावा है कि उस संघर्ष के बाद हक्कानी नेटवर्क (Haqqani network)  ने किसी अज्ञात जगह पर बरादर को बंधक बना रखा है और उससे वीडियो भी जबरन बनवाया गया था।

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सरकार में सबकी हिस्सेदारी चाहता था बरादर

मीडिया रिपोर्ट्स (Media Reports) की मानें तो बरादर अफगानिस्तान (Afghanistan) की स्थाई सरकार में अल्पसंख्यक व गैर-तालिबानी नेताओं को भी शामिल करना चाहिता था, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय (International community) इस सरकार को मान्यता दे। हक्कानी नेटवर्क (Haqqani network)  ऐसा नहीं चाहता था। इसी को लेकर दोनों गुटों के बीच विवाद हुआ जो खूनी संघर्ष में बदल गया। यह भी दावा किया जा रहा है कि काबुल की सत्ता पर काबिज होने को लेकर दोनों गुटों के बीच विवाद है। बरादर खेमा अपनी कूटनीति को सत्ता पर काबिज होने की वजह मानता है तो हक्कानी नेटवर्क (Haqqani network) अपने आत्मघाती रवैये को काबुल (Kabul) की सत्ता का श्रेय देना चाहता है।

अखुंदजादा भी कई दिनों से है गायब 

तालिबान का सर्वोच्च नेता और खूंखार आतंकी हिबतुल्ला अखुंदजादा (dreaded terrorist Hibatullah Akhundzada) भी कई दिनों से दुनिया के सामने नहीं आया है। वैसे तो वह कभी प्रत्यक्ष रूप से दुनिया के सामने आता नहीं है, लेकिन इतने बड़े खूनी संघर्ष के बाद भी उसका कोई मैसेज न आना इस बात का संकेत देता है कि अखुंदजादा (Akhundzada) का कत्ल कर दिया गया है।

बता दें, हिबतुल्ला अखुंदजादा (Hibatullah Akhundzada) के बारे में दुनिया की खुफिया एजेंसियों (Intelligence Agencies) को भी नहीं पता है। वह कहां रहता है और उसकी दिनचर्या क्या होती है। इसकी जानकारी बहुत ही कम लोगों के पास होती है। यहां तक कि तालिबान (Taliban) के कई बड़े नेताओं ने भी अब तक उसे नहीं देखा है। वह बीच-बीच में वीडियो जारी कर तालिबानी नेताओं (Taliban leaders) को संदेश भेजता रहता है, लेकिन इधर कई दिनों से उसका कोई मैसेज नहीं आया है।

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