Afghanistan: अफगानिस्तान (Afghanistan) में अब तालिबान (Taliban) राज शुरू हो गया है। पूरे अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कब्जे के बाद भी तालिबान सरकार का गठन नहीं हो सका है। तालिबान (Taliban) को हक्कानी नेटवर्क के आतंकवादियों के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जहां तालिबान (Taliban) का सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बराद अल्पसंख्यक समुदायों को सरकार में शामिल करना चाहता है।
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वहीं, तालिबान (Taliban) का उप नेता सिराजुद्दीन और उसका आतंकवादी समूह हक्कानी नेटवर्क किसी के साथ सत्ता साझा नहीं करना चाहते। इसको लेकर इन गुटों के बीच आपसी झडप की बात सामने आ रही है। इसको लेकर गोलीबारी भी हुई है, जिसमें बरादर घायल हो गया है।
मीडिया रिपोर्ट की माने तो पाकिस्तान, अफगानिस्तान (Afghanistan) की सत्ता की चाभी तालिबान से छीनकर हक्कानी नेटवर्क को सौंपने की योजना बना रहा है। लिहाजा, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के चीफ वहां पहुंचे हैं। इसके बाद से वहां पर तालिबान सरकार के गठन को लेकर दबाव भी बढ़ता जा रहा है। बता दें कि, हक्कानी नेटवर्क के सबसे करीबी पाकिस्तानी है।
इसलिए पाकिस्तान चाहत हैं कि उन्हें सरकार की चाभी मिल जाए और वो उसका इस्तेमाल भारत के खिलाफ कर सके। गौरतलब है कि अमेरिका ने 20 साल से चले आ रहे अफगान युद्ध को खत्म करते हुए अपने सैनिकों को वापस बुला लिया है।
निकासी अभियान के बीच ही 15 अगस्त को तालिबान (Taliban) ने काबुल में प्रवेश कर देश पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद से वहां के राष्ट्रपति देश छोड़कर भाग गए, जिसके बाद पूरे अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान (Taliban) ने अपना कब्जा जमा लिया।