चंडीगढ़। कांग्रेस (Congress) हाईकामन ने पंजाब को पहला दलित मुख्यमंत्री देकर विपक्षी दलों के सामने मुश्किलें खड़ी कर दी है। पंजाब (Punjab) के इतिहास में यहां पर पहली बार कोई दलित मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेगा। पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) रामदासिया समुदाय (सिख दलित) से आते हैं।
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बताया जाता है कि पूरे भारत में पंजाब (Punjab) में दलितों का प्रतिशत सबसे ज्यादा है। ऐसे में कांग्रेस का ये दांव आने वाले समय में काफी अच्छा साबित हो सकता है। दरअसल, पंजाब (Punjab) में करीब 32 फीसदी दलित आबादी है। आजादी के बाद यहां पर अभी तक कोई भी दलित मुख्यमंत्री नहीं बन सका।
कई सीटों पर दलितों का प्रभाव ज्यादा है। इसके बाद भी कोई दलित मुख्यमंत्री नहीं बन सका। पंजाब की 117 में से 33 सीटें दलितों के लिए आरक्षित हैं। वहीं, अब कांग्रेस ने पंजाब को दलित मुख्यमंत्री देकर देश की राजनीति में विपक्ष के सामने बड़ी चुनौती पेश कर दी है।
मौजूदा समय में पंजाब ही एक ऐसा राज्य है जहां पर दलित मुख्यमंत्री है। ऐसे में कांग्रेस आने वाले चुनावों में इसको पूरी तरह से भुनाने की कोशिश करेगी। वहीं, अन्य पार्टियों के सामने भी कांग्रेस की इस चाल से मुश्किलें बढ़नी तय हैं।
अकाली दल और बीएसपी गठजोड़ को बड़ा झटका
पंजाब (Punjab) की सत्ता में वापसी के लिए अकाली दल ने बसपा के साथ गठजोड़ किया था। बसपा के जरिए अकाली दल दलित वोटों को अपने पाले में लाना चाहती थी। अकाली दल ने कई बार कहा है कि उसकी सरकार बनी तो वह दलित डिप्टी सीएम देगी।
लेकिन कांग्रेस ने प्रदेश को दलित मुख्यमंत्री देकर इस गठजोड़ को तगड़ा झटका दिया है।