लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने जौनपुर लोकसभा सीट (Jaunpur Lok Sabha Seat) के बाद अब बस्ती में भी प्रत्याशी बदल दिया है। बस्ती लोकसभा सीट (Basti Lok Sabha Seat) से घोषित दयाशंकर मिश्रा की जगह लवकुश पटेल को टिकट दिया गया है। इससे पहले जौनपुर लोकसभा सीट (Jaunpur Lok Sabha Seat) में धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला का टिकट काटते हुए श्याम सिंह यादव को दोबारा मौका दिया है।
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बता दें कि जौनपुर लोकसभा सीट (Jaunpur Lok Sabha Seat) में ठाकुर और बस्ती में ब्राह्मण प्रत्याशी का टिकट काटकर दोनों इलाकों में ओबीसी प्रत्याशियों को उतार दिया गया है। इसे मायावती (Mayawati) की खास रणनीति का हिस्सा बताया जा रहा है। इस बदलाव से जहां भाजपा ने राहत की सांस ली है तो सपा-कांग्रेस की परेशानी बढ़ गई है।
दोनों सीटों पर प्रत्याशी बदले जाने के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव (SP chief Akhilesh Yadav) ने भी बसपा (BSP) पर हमला बोला है। अखिलेश ने कहा कि बसपा को वोट देने का मतलब अपना वोट खराब करना है। वो लोग भाजपा का साथ दे रहे हैं, चाहे सामने से चाहे पीछे से साथ दे रहे हैं। अखिलेश ने बसपा (BSP) के वोटरों से कहा कि इसलिए मैं आप सभी से अपील करता हूं कि अपना वोट मत खराब कीजिए। कहा कि बहुजन समाज पार्टी (BSP) का रास्ता कुछ और है।
"मैं अपने बहुजन समाज के लोगों को कहूंगा कि बहुजन समाज पार्टी को वोट देना अपना वोट खराब करना है, वो बीजेपी का साथ दे रहे हैं चाहे सामने से चाहे पीछे से।"
– माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी, कन्नौज pic.twitter.com/DvzcyHyZsS
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— Samajwadi Party (@samajwadiparty) May 6, 2024
बस्ती में पहले प्रत्याशी घोषित किए गए दयाशंकर मिश्रा की गिनती भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में होती थी। भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर बसपा में शामिल हो गए थे। बसपा से टिकट भी मिल गया। दयाशंकर मिश्रा का टिकट कटने से भाजपा ने राहत की सांस ली है। भाजपा ने यहां से हरीश द्विवेदी को उतारा है। इससे ब्राह्मण वोटों के बंटने का खतरा बढ़ गया था। अब ओबीसी नेता लवकुश पटेल के उतरने से सपा-कांग्रेस के संयुक्त प्रत्याशी राम प्रसाद चौधरी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
इसी तरह की स्थिति जौनपुर में भी बना रही है। यहां से भाजपा ने कृपाशंकर सिंह को उतारा है। बसपा ने धनंजय की पत्नी श्रीकला को उतारकर ठाकुर मतों में बिखराव तय कर दिया था। अब श्रीकला की जगह श्याम सिंह यादव के उतरने से जहां भाजपा ने राहत की सांस ली है तो सपा की परेशानी बढ़ रही है। पिछली बार श्याम सिंह यादव सपा-बसपा के संयुक्त प्रत्याशी थे।
इस बार भी श्याम सिंह यादव सपा से टिकट के लिए लगातार कोशिश कर रहे थे। जब बाबू कुशवाहा को सपा ने टिकट दिया तो श्याम सिंह ने नाराजगी सार्वजनिक भी की थी। एक लेटर जारी कर अखिलेश यादव को उनकी बातें याद दिलाईं थीं। इसके साथ ही चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया था। अब बसपा से दोबारा टिकट मिलने पर श्याम सिंह यादव गदगद हैं। उन्होंने अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया है।