आगरा। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh ) आवास एवं विकास परिषद के सहकारिता अनुभाग में कार्यरत अपर आवास आयुक्त के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू हो गया है। कोर्ट के आदेश पर अपर आवास आयुक्त समेत 12 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इन पर सरकारी धन का गबन, धोखाधड़ी, कूटरचना और जान से मारने की धमकी समेत अन्य गंभीर आरोप है। डिफेंस एस्टेट फेस एक निवासी हरिओम गुप्ता ने इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
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इन्होंने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। उन्होंने प्रार्थना पत्र में लिखा है कि, 509 आर्मी बेस वर्कशॉप वर्कर्स सहकारी आवास समिति के सचिव हैं। योगेश कुमार समिति के पूर्व सचिव थे। आरोप है कि बीते 29 नवंबर 2017 को आरोपियों ने फर्जी तरीके से योगेश कुमार को समिति का सचिव नियुक्त कर दिया। यही नहीं फर्जी दस्तावेजों के जरिए इन्होंने हरिओम गुप्ता को सचिव पद से हटाना दिखा दिया।
आरोप है कि, योगेश कुमार ने फर्जी 89 सदस्यीय मतदाता सूची पर निर्वाचन संपन्न कराए। इस प्रकार फर्जी सदस्यों की प्रबंध कमेटी बनाकर समिति के सदस्यों के साथ धोखाधड़ी और जालसाजी की। इसके साथ ही आरोप है कि इन्होंने समिति के खाते से 4.74 लाख रुपये गबन किए। यही नहीं इन्होंने 16 फरवरी 2021 को समिति की कॉलोनी के भूखंड संख्या पांच का बैनामा भूपेंद्र सिंह के बेटे अंशुल के नाम कर दिया।
इनके खिलाफ दर्ज हुआ केस
आवास आयुक्त समेत 12 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इसमें सिल्वर टाउन निवासी योगेश कुमार, शक्ति नगर निवासी सत्येंद्र सिंह, डिफेंस एस्टेट निवासी भूपेंद्र सिंह, अंशुल सिंह, वरुण कुमार मिश्रा अपर आवास आयुक्त, एके शुक्ला सहायक आवास आयुक्त, सहकारी अधिकारी विजय कुमार, हृदयरामपाल, राम सुमिरन, सुनील कुमार मिश्रा, सकारी पर्यवेक्षक नीरज शर्मा, राजस्व निरीक्षक शीलेंद्र कुमार हैं।