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Uniform Civil Code Bill : उत्तराखंड विधानसभा में UCC विधेयक पेश, ओवैसी बोले- यह मुसलमानों के खिलाफ है साजिश

By संतोष सिंह 
Updated Date

Uniform Civil Code : उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार (Pushkar Singh Dhami Government) ने  मंगलवार को राज्य विधानसभा में समान नागिरक संहिता विधेयक पेश कर दिया है। इस विधेयक के पेश करते  ही भारत की उत्तराखंड विधानसभा (Uttarakhand Assembly) पहली विधानसभा बन गई है, जिसमें यूसीसी को लागू करने की दिशा में कदम उठाया है। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami ) ने विधानसभा की लेबल पर यूसीसी बिल पेश  (UCC Bill Introduced) पेश कर दिया है। इससे पहले सीएम धामी ने इसे गर्व का क्षण करार देते हुए कहा उत्तराखंड यूसीसी (Uttarakhand UCC)   को लागू करने की दिशा में सबसे पहले कदम उठाएगा। सदन में पेश हुए इस बिल पर राज्य के विपक्षीय दल सहित देश के तमाम विरोधी दलों ने नेताओं ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है तो वहीं, एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM Chief Asaduddin Owaisi) ने देश में मुलसमानों के खिलाफ रची जा रही साशिज करार दिया है।

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यूसीसी पेश होते ही लगे सदन में जय श्री राम के नारे

यूसीसी विधेयक (UCC Bill ) सोमवार से शुरू हुए विधानसभा के चार दिवसीय विशेष सत्र के दौरान पेश किया गया। विधयेक पेश होते ही सदन में भाजपा विधायकों की ओर से जय श्रीराम और वंदे मातरम के नारे लगाए। इसके बाद सदन की कार्यवाही को दोपहर दो बजे के लिए स्थगित कर दी गई। सीएम धामी ने एक्स पर पोस्ट किया, ”देवभूमि उत्तराखंड के नागरिकों को समान अधिकार देने के उद्देश्य से समान नागरिक संहिता विधेयक (UCC) आज विधानसभा में पेश किया जाएगा। यह सभी प्रदेशवासियों के लिए गर्व का क्षण है। बता दें कि हम यूसीसी लागू करने की दिशा में आगे बढ़ने वाले देश के पहले राज्य के रूप में जाने जाएंगे।

असदुद्दीन ओवैसी, बोले- मुसलमानों को मजबह से दूर करने हो रही साजिश

एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM Chief Asaduddin Owaisi) ने कहा कि उत्तराखंड विधानसभा (Uttarakhand Assembly) में पेश हुए यूसीसी बिल (UCC Bill) को मुसलमानों के खिलाफ साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि इस नए बिल के माध्यम से राज्य और देश में मुसलमानों को उनके मजहब दूर करने की साजिश रची जा रही है। सरकार ने जनजातियों को इस बिल से दूर बाहर रखा गया है, फिर यह कैसे यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC)  हो सकता है। रविवार को उत्तराखंड कैबिनेट ने यूसीसी (UCC) के अंतिम मसौदे को मंजूरी दे दी थी। यह विधयेक राज्य में सभी समुदायों के लिए समान नागरिक कानून (UCC)  का प्रस्ताव करता है। सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई (Retired judge Ranjana Prakash Desai) की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति ने यूसीसी (UCC)  का एक मसौदा मुख्यमंत्री को सौंपा था। मार्च 2022 में धामी सरकार ने यूसीसी (UCC)  के लिए एक मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति गठित करने का निर्णय लिया था। इसकी अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई (Retired judge Ranjana Prakash Desai)  के हाथों सौंपी गई थी।

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(यूसीसी) विधेयक के मसौदे का हमारी कानूनी समिति अध्ययन करेगी, उसके अनुसार निर्णय लेंगे : मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली

समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के कार्यकारी सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि हमारी कानूनी समिति (यूसीसी) विधेयक का अध्ययन करेगी। उन्होंने कहा कि क्या यह (यूसीसी) आने पर सभी कानूनों में एकरूपता होगी? नहीं, बिल्कुल भी एकरूपता नहीं होगी। जब आपने कुछ समुदायों को इससे छूट दी है तो एकरूपता कैसे हो सकती है? मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि मसौदे और उसके अनुसार निर्णय लेंगे,”, जिसे आज उत्तराखंड विधानसभा में पेश किया गया है।

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