देवरिया। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव सोमवार को देवरिया पहुंचे। वह फतेहपुर गांव में हुए सामूहिक हत्याकांड में पहले सत्यप्रकाश दूबे के घर गए। वहां उन्होंने पहले पहले नरसंहार में मारे गए दूबे परिवार के पांचों मृतकों के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। हालांकि, उनके बेटे देवेश ने अखिलेश यादव से मिलने से इनकार कर दिया था। इसके बाद अखिलेश यादव पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव के घर पहुंचे। वहां मृतक पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम यादव के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इसके दौरान प्रेम की पत्नी शीला और दो बेटियों मौजूद रहीं। इस दौरान अखिलेश यादव ने उन्हें ढांढस बंधाया।
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मीडिया से बातचीत करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि, जिस तरह की घटना हुई है, हम सभी लोग इसकी निंदा करते हैं। ऐसी दर्दनाक घटना पूरे यूपी में कभी देखने को नहीं मिली। साथ ही कहा, मैं मानता हूं डीएम ने जो बात कही कि रिटेलिएशन में घटना हुई। प्रेम यादव की जान नहीं जाती तो किसी की जान नहीं जाती। आखिरकार सरकार क्यों इस बात को छुपाना चाहती है कि प्रेम यादव को बुलाकर के मारा और किसने मारा। आप बताइए क्या सुल्तानपुर में एक ब्राह्मण डॉक्टर को ड्रिल से नहीं मार दिया, क्या उनके परिवार के बच्चों को आपने गले लगाया?
संवेदना, सौहार्द और समरसता के पल… देवरिया में शांति की कामना के साथ पुष्पांजलि. pic.twitter.com/u1qbqqedNl
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 16, 2023
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उन्होंने कहा, वो परिवार नहीं मिलना चाहता वो उसकी भावना है, हो सकता है उसके बेटे की भावना ना भी हो, कुछ नेता हैं जो उसको समझा रहे होंगे। जब बुलडोजर से किसी की मां बेटी को जला दिया गया आप उस परिवार से मिलने नहीं गए। इसके साथ ही अखिलेश यादव ने कहा कि, सुरक्षा का मतलब ये थोड़ी है कि घर को परिवार को कैद कर दो, गाड़ी उठा ले जा यहां से। ये परिवार अगर पढ़ेगा, लिखेगा, जो सहायता चाहेगा मैं करूंगा। अखिलेश यादव ने कहा कि, योगी की सबसे बड़ी परिभाषा यही है जो दूसरों के दुःख को अपना दुःख समझे। मुख्यमंत्री जी को किसी के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए, वो मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के हैं किसी भी घटना से राजनीतिक लाभ नहीं लेना चाहिए।