Amaltas : जड़ी बूटी जीवन को निखार देती है। निरोगी काया प्रदान करती है। आयुर्वेद में इसके बारे में विस्तृत रूप से बताया गया है। चमत्कारी नुस्खे बताए गए है। आयुर्वेद में अमलतास के औषधीय गुणों के बारे में बताया गया है। अमलतास के सभी भाग- पत्ते, बीज, जड़, गूदा, फल और छाल में विभिन्न औषधीय तत्व होते हैं। आयुर्वेदिक के अनुसार अमलतास का स्वाद मीठा और कड़वा होता है। यह त्वचा रोग (कुष्ठ), बुखार (ज्वर), आमवात रोग (अमावता), हृदय रोग (हृदरोग), मासिक धर्म संबंधी समस्याएं, माइग्रेन, जलन, पीलिया, गले में सूजन, कुष्ठ रोग और खालित्य जैसी कई स्थितियों में सहायक है।
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वात, पित्त और कफ को शांत करता है
अमलतास शिथिलता (श्रमसनम) के लिए सबसे अच्छी औषधि है। यह शरीर की तीनों ऊर्जाओं: वात, पित्त और कफ को शांत करने में भी मददगार है। अमलतास के फलों के अर्क में रेचक गुण होते हैं और यह त्वचा रोगों, पेट दर्द और बुखार के प्रबंधन में भी सहायक होते हैं।
गठिया की समस्या भी कम होती है
अमलतास जोड़ों के दर्द को कम करने में भी मददगार है। अमलतास की पत्तियों को रोज़ाना खाने से जोड़ों में दर्द और सूजन की दिक्कत से आराम मिलता है। जिससे गठिया की समस्या भी कम होती है।