लखनऊ। समाजवादी पार्टी (SP) के साथ रघुराज प्रताप सिंह (Raghuraj Pratap Singh) उर्फ राजा भैया का साथ आना किसी बड़े संजीवनी से कम नहीं है, क्योंकि अब यूपी (UP) के जिन 27 सीटों पर मतदान बाकी है। वहां क्षत्रिय मतदाता प्रभावी हैं और राजा भैया ठाकुरों के बड़े नेताओं में से एक हैं। राजा भैया (Raja Bhaiya) की पार्टी भले ही एक भी लोकसभा सीट पर चुनाव नहीं लड़ रही हो, लेकिन चुनावी चर्चा में लगातार बने हुए हैं और यही उनकी ताकत का एहसास कराता है।
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लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha elections 2024) अपने अंतिम चरण में है। वहीं दूसरी तरफ यूपी की राजनीति और रोमांचक होती जा रही है। यूपी (UP) की सियासत में अपनी दमखम रखने वाले प्रतापगढ़ जिले (Pratapgarh District) के कुंडा से विधायक और जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के मुखिया रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया (Raghuraj Pratap Singh alias Raja Bhaiya) ने अपनी अंतिम चाल चलते हुए मिर्जापुर लोकसभा सीट (Mirzapur Lok Sabha Seat) पर समाजवादी पार्टी को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। माना जा रहा है कि राजा भैया का ये ऐलान न केवल मिर्जापुर सीट पर ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) को नुकसान करेगा बल्कि पूर्वांचल की कई सीटों पर नुकसान सहना पड़ सकता है। जिन सीटों पर बीजेपी (BJP) को अब नुकसान हो सकता है, उनमें प्रतापगढ़, जौनपुर, मिर्जापुर और इलाहाबाद सीट शामिल है।
बता दें कि बीते कुछ दिनों से एनडीए (NDA) के नेता राजा भैया पर हमलावर नजर आ रहे थे, जिसमें केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल (Union Minister Anupriya Patel) और रामदास अठावले (Ramdas Athawale) शामिल हैं। अनुप्रिया पटेल (Anupriya Patel) ने कौशांबी और प्रतापगढ़ में चुनाव प्रचार करते हुए राजा भैया पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि कुछ लोग कुंडा को अपनी जागीर समझते हैं और यह सुनहरा मौका है उन्हें सबक सिखाने की। वहीं बीते बुधवार को रामदास अठावले (Ramdas Athawale) ने अनुप्रिया पटेल के बयान को सही ठहराते हुए राजा भैया पर निशाना साधा था। ऐसे में अटकलें लगाई जा रही थीं कि राजा भैया के खिलाफ बयानबाजी बीजेपी को भारी पड़ सकती है और अब वही हुआ है।
मिर्जापुर लोकसभा सीट (Mirzapur Lok Sabha Seat) हॉट तो नहीं कही जाती लेकिन, यहां की लड़ाई इस बार रोचक जरूर हो गई है। उसकी वजह भाजपा से बगावत सपा में आए भदोही सांसद रमेश चंद बिंद (Bhadohi MP Ramesh Chand Bind) और रघुराज प्रताप सिंह (Raghuraj Pratap Singh) उर्फ राजा भैया की भगवा रंग से नाराजगी है।
वैसे तो मिर्जापुर लोकसभा सीट (Mirzapur Lok Sabha Seat) पर भाजपा की सहयोगी अपना दल सोनेलाल का वर्चस्व है। अपना दल एस सुप्रीमो अनुप्रिया पटेल (Apna Dal S supremo Anupriya Patel) इस बार मिर्जापुर से हैट्रिक लगाने की तैयारी में हैं। इसके लिए उन्होंने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। लेकिन, उनकी राह में रोड़ा कुंडा विधायक राजा भैया बन गए हैं। वह और उनके समर्थक भाजपा से नाराजगी के चलते अनुप्रिया पटेल के खिलाफ माहौल बना रहे हैं।
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राजा भैया ने इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance) के सपा प्रत्याशी और भदोही से भाजपा सांसद रमेश चंद बिंद (BJP MP Ramesh Chand Bind) को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। रमेश चंद बिंद (Ramesh Chand Bind) अपना टिकट कटने से नाराज हो गए थे। इसके बाद उन्होंने पाला बदलते हुए सपा ज्वाइन कर ली और मिर्जापुर से टिकट हासिल करने में कामयाब रहे।
इस बीच अनुप्रिया और राजा भैया में हुई जुबानी जंग भी शुरू हो गई है। बीते दिनों अनुप्रिया पटेल (Anupriya Patel) ने बीजेपी के कौशांबी से प्रत्याशी विनोद सोनकर (BJP’s Kaushambi candidate Vinod Sonkar) के चुनाव प्रचार में राजा भैया पर शब्दों के बाण छोड़ने शुरू कर दिए थे। उन्होंने कहा था कि अब राजा लोकतंत्र में रानी के पेट से पैदा नहीं होते। अब राजा ईवीएम से पैदा होते हैं।
यह बयान तब आया था जब राजा भैया की पार्टी जनसत्ता लोकतंत्र पार्टी (Jansatta Democracy Party) का कोई भी प्रत्याशी मैदान में नहीं है। उन्होंने किसी को भी समर्थन देने से इंकार कर दिया था। उसके बाद भी यह बयान दिए जाने पर न सिर्फ राजा भैया के समर्थक बल्कि खुद राजा भैया ने नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। राजा भैया ने पलटवार करते हुए कहा कि, राजा रानी अब पैदा होने बंद हो गए हैं। ईवीएम (EVM) से राजा नहीं बल्कि जनसेवक पैदा होते हैं। कुछ लोग कुंठित हैं, जो ऐसा सोचते हैं कि ईवीएम (EVM) से राजा पैदा होते हैं।
राजा भैया की नाराजगी बिगाड़ सकती है कौशांबी, प्रतापगढ़ समेत मिर्जापुर के समीकरण
राजा भैया पर दिए गए अनुप्रिया पटेल के बयान के बाद प्रतापगढ़ और कौशांबी लोकसभा सीट पर एनडीए (NDA) के समीकरण तो बदलने के आसार पैदा हो ही गए है। लेकिन अब मिर्जापुर के भी समीकरणों को इधर से उधर करने के लिए राजा भैया के समर्थक मिर्जापुर में डेरा डाल चुके हैं।
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बता दें कि कुछ हफ्ते पहले राजा भैया और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) के साथ मुलाकात हुई थी। तब अटकलें लगाई जा रही थीं की बीजेपी को राजा भैया का साथ मिल सकता है, लेकिन मुलाकात के कुछ दिन बाद ही राजा भैया ने अपने समर्थकों के बीच ऐलान कर दिया कि वो अपने स्वविवेक से उम्मीदवार को वोट दें।