नई दिल्ली। दिल्ली शराब घोटाले (Delhi Liquor Scam) से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में फंसे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को बड़ी राहत देते हुए जमानत दे दी है। जमानत के लिए उन्हें 10 लाख का बेल बॉन्ड भरना होगा। अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दो अपील दायर की थी जिसमें जमानत की अपील के साथ-साथ सीबीआई (CBI) की गिरफ्तारी को चुनौती दी गई थी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस भूइंया की पीठ ने मामले पर फैसला सुनाते हुए केजरीवाल को जमानत तो दे दी, लेकिन सीबीआई की गिरफ्तारी सही थी या नहीं, इस पर दोनों जजों की राय अलग थी।
पढ़ें :- Pegasus Hacking Controversy : US कोर्ट ने NSO ग्रुप को सुनाई सजा, WhatsApp की बड़ी जीत
एक तरफ जहां जस्टिस सूर्यकांत ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही बताया तो वहीं जस्टिस भूईंया ने इस पर सवाल उठाया है। केजरीवाल को गिरफ्तार किए जाने की टाइमिंग पर सवाल खड़े करते हुए जस्टिस भूइयां ने कहा कि यह गिरफ्तारी केवल इसलिए हुई ताकी ईडी (ED) के मामले मिली जमानत को विफल किया जा सके। जस्टिस भूइंया ने आगे कहा कि सीबीआई (CBI) को दिखाना होगा कि वह पिंजरे में बंद तोता नहीं। सीबीआई (CBI) को बोर्ड से ऊपर देखा जाना चाहिए और हर संभव कोशिश की जानी चाहिए ताकि गिरफ्तारी अनियंत्रित तरीके से न हो। किसी देश में धारणा मायने रखती है और सीबीआई (CBI) को पिंजरे में बंद तोता होने की धारणा को दूर करना चाहिए और दिखाना चाहिए कि वह एक पिंजरे में बंद तोता नहीं है। सीबीआई (CBI) को सीज़र की पत्नी की तरह शक से ऊपर उठना चाहिए।
’22 महीने बाद अचानक ऐक्टिव’
जस्टिस भूइंया ने कहा कि सीबीआई (CBI) ने मार्च 2023 में केजरीवाल से पूछताछ की गई थी, लेकिन तब उन्हें गिरफ्तार करने की जरूरत महसूस नहीं हुई। सीबीआई (CBI) ने उन्हें तब गिरफ्तार किया जब ईडी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई। सीबीआई (CBI) को 22 महीनों तक गिरफ्तारी की जरूरत महसूस नहीं हुई लेकिन फिर अचानक एक्टिव हो गई और हिरासत की मांग की। सीबीआई (CBI) द्वारा इस तरह की कार्रवाई गिरफ्तारी के समय पर गंभीर सवाल उठाती है और सीबीआई (CBI) ने इस तरह की गिरफ्तारी केवल ईडी (ED) मामले में दी गई जमानत को विफल करने के लिए की थी।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कई शर्तों के साथ अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को जमानत दी है। इन शर्तों के मुताबिक न तो वह सचिवालय जा सकेंगे और न ही किसी फाइल पर साइन कर पाएंगे। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने ईडी (ED) के मामले जमानत देते हुए जो शर्ते लगाई थी, वही शर्ते सीबीआई केस (CBI Case) में लागू की गई हैं।