Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. खेल
  3. Asian Weightlifting Championship : Silver medalist बिंदियारानी, बोलीं-कोई उन्हें उनका पुराना वाला गांव और मणिपुर लौटे दे

Asian Weightlifting Championship : Silver medalist बिंदियारानी, बोलीं-कोई उन्हें उनका पुराना वाला गांव और मणिपुर लौटे दे

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। दक्षिण कोरिया (South Korea) में जारी एशियन वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप (Asian Weightlifting Championship) में सिल्वर मेडल जीने वाली (Silver medalist) भारतीय वेटलिफ्टर बिंदियारानी देवी (Bindiyarani Devi) मणिपुर में जारी हिंसा (Manipur Violence) को लेकर काफी दुखी हैं। बिंदियारानी (Bindiyarani) ने राज्य के सीएम से मामले को जल्द सुलझाने की अपील की है। 24 वर्षीय बिंदिया ने एशियन वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में 194 किग्रा वजन उठाकर रजत पदक पर कब्जा किया। इस टूर्नामेंट में बिंदिया ने भारत का पदकों का खाता खोला। बिंदिया ने पिछले साल बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में भी सिल्वर मेडल पर कब्जा जमाया था।

पढ़ें :- Manipur Violence : मल्लिकार्जुन खरगे, बोले- मोदी जी 'बीजेपी की डबल इंजन की सरकार में न मणिपुर एक है और न ही सेफ है'

बिंदियारानी(Bindiyarani)  ने दक्षिण कोरिया (South Korea)  से एक अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा कि उन्हें कोई उनका पुराना वाला गांव और मणिपुर लौटे दे। बिंदिया मणिपुर के इंफाल वेस्ट जिले से ताल्लुक रखती हैं। जहां मैतेई और नगा समुदाय में हिंसा भड़की है। हिंसा की आग बिंदिया के गांव लगौल तक पहुंच चुकी है। यही नहीं, इस हिंसा में उनके गांव के कई लोगों की मौत हो चुकी है। दैनिक अखबार को दिए इंटरव्यू में बिंदिया ने कहा, ‘ मैं चाहती हूं कि कोई मेरा पुराना गांव और मणिपुर लौटा दे। हम पहले जैसे रहते थे वैसे रहें। मैं सरकार से गुजारिश करती हूं कि वह इस मसले को जल्द से जल्द सुलझाए।’

मेडल जीतने के बाद रो पड़ीं बिंदिया

बिंदियारानी मेडल जीतने के बाद रो पड़ी थीं। क्योंकि हमेशा की तरह वह मेडल जीतने के बाद माता पिता से बात करती थीं लेकिन इस बार उनकी बात नहीं हो पाई। बिंदिया को ये भी नहीं पता था कि मेडल के बारे में उनके माता पिता को खबर भी है या नहीं। उन्होंने साउथ कोरिया में क्लीन एंड जर्क में 116 किलो भार उठाकर गेम्स और नेशनल रिकॉर्ड तोड़ते हुए रजत पदक जीता।

बिंदियारानी ने शांति की अपील की

पढ़ें :- Manipur Violence : मणिपुर में पांच दिन के लिए इंटरनेट बंद, तीन जिलों में लगा अनिश्चितकालीन कर्फ्यू

बकौल बिंदियारानी (Bindiyarani)  कि ‘हम अपने गांव में कुकी समुदाय के साथ मिलजुलकर रहते हैं। हिंसा का असर मेरे गांव पर भी पड़ा है। मेरी फैमिली तो ठीक है लेकिन गांव में 2-3 लोगों के मरने की खबर है। माता पिता से सोमवार को बात हुई। वे लोग भी हिंसा से परेशान हैं। कई लोग हमारे गांव से जा चुके हैं। इस पलायन से मेरी फैमिली भी दुखी है। क्योंकि जो लोग गांव से गए हैं वो सभी हमारी पहचान के थे। मैं बस यही चाहती हूं कि सबलोग इसे भूलकर अब पहले की तरह मिलजुलकर रहें। सीएसम से कहना चाहती हूं कि वह जल्द से जल्द मामले को सुलझाएं। माता-पिता ने मुझे इवेंट से पहले कुछ नहीं बताया था लेकिन मुझे इनकी भनक लग चुकी थी फिर भी मैंने इन सभी को दरकिनार करते हुए गेम्स फोकस किया और देश के लिए मेडल जीता।’

 

Advertisement