प्रयागराज । यूपी (UP) की प्रयागराज पुलिस (Prayagraj Police) रिमांड पर चल रहे माफिया डॉन अतीक अहमद (Mafia Don Atiq Ahmed) की हेकड़ी और अकड़ कम होने का नाम नहीं ले रही। रिमांड के दौरान अतीक अहमद उल्टा पुलिस से ही सवाल पूछने लगा कि उसका वो मोबाइल कहां है? जिससे वह साबरमती जेल (Sabarmati Jail) के अंदर से बात कर रहा था। अतीक ने कहा कि अगर जिस किसी मोबाइल से वो और अशरफ बात करते थे, तो वह मोबाइल उसे दिखा दिया जाएगा तो सारे सवालों के जवाब दे देगा।
पढ़ें :- Hardoi Road Accident : अनियंत्रित होकर पलटा टेम्पो, अचानक सामने आया डीसीएम, सात लोगों की मौत
अतीक अहमद (Atiq Ahmed) ने कहा कि हमारे खिलाफ सारे सबूत झूठे हैं। पुलिस ने गढ़े हैं। बेसिर पैर की कहानी बनाकर पुलिस ने मेरे परिवार का नाम घसीट दिया। मुंशी राकेश लाला और नौकर कैश अहमद की निशानदेही पर बरामद कैश और असलहों पर अतीक अहमद (Atiq Ahmed) का बोलना था कि पुलिस के सामने चाहे जिससे जो कुबूलवा लो, सच्चाई तो अदालत के सामने इंसान बोलता है।
सवालों का सीधा जवाब नहीं दे रहे हैं अतीक-अशरफ
पुलिस सूत्रों ने बताया कि अब तक की पूछताछ में अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और उसके भाई अशरफ ने किसी भी सवाल का सीधा जवाब नहीं दिया। हर सवाल पर अतीक अहमद और अशरफ ने एक ही जवाब दिया, हमें नहीं मालूम हम तो जेल में बंद थे।
अशरफ की अकड़ नहीं पड़ी ढ़ीली
पढ़ें :- VIDEO : मौसी रील बनाने में थी व्यस्त, गाजीपुर में 4 साल की मासूम बच्ची की गंगा नदी में डूबने से मौत
वहीं, बरेली जेल (Bareilly Jail) में असद की मुलाकात पर अशरफ ने कहा कि वह मेरा भतीजा था। मेरे जिगर का टुकड़ा था। क्या वह अपने चाचा को मिलने नहीं आ सकता?
बेटे के मारे जाने के बाद अतीक ओढ़ ली चुप्पी
अब तक की पुलिस कस्टडी रिमांड के दौरान अतीक अहमद (Atiq Ahmed)और अशरफ से साथ ही पूछताछ की गई। उधर, बेटे असद के एनकाउंटर के बाद से अतीक अहमद (Atiq Ahmed) ने ज्यादा बातचीत करना बंद कर दिया है।
बेटे का चेहरा न देख पाया अतीक
वहीं, एनकाउंटर में मारे गए अतीक अहमद (Atiq Ahmed) के बेटे असद को प्रयागराज के कसारी-मसारी कब्रिस्तान में दफना दिया गया है। अतीक के जनाजे में रिश्तेदारों की भारी भीड़ पहुंची। कड़ी सुरक्षा के बीच असद को दफन किया गया। शव पहुंचने से पहले ही वहां बड़ी संख्या में महिलाएं इकट्ठा हो गईं। वो असद कदे जनाजे में शामिल होना चाहती थीं, लेकिन पुलिस ने सिर्फ रिश्तेदारों और करीबियों को ही इजाजत दी है। लेकिन पुलिस कस्टडी में चला रही अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और उसकी फरार बीवी शाइस्ता परवीन बेटे का आखिरी बार मुंह तक नहीं देख सके।
पढ़ें :- Agra News : एयरफोर्स का मिग-29 विमान क्रैश, पायलट और को-पायलट सुरक्षित
नहीं मिल पाई जनाजे में जाने की इजाजत
हालांकि, अतीक अहमद (Atiq Ahmed) ने पुलिस मुठभेड़ में मारे गए अपने बेटे असद का शव देखने और जनाजे में शामिल होने के लिए बीते दिन यानी शुक्रवार को रिमांड मजिस्ट्रेट के समक्ष अर्जी दायर की थी, लेकिन शुक्रवार को जिला अदालत में आंबेडकर जयंती पर अवकाश होने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। वहीं, आज शनिवार को असद और गुलाम के शव भारी सुरक्षा के बीच झांसी से प्रयागराज लाए गए। इसके बाद पुलिस ने अपनी मौजूदगी में उनके रिश्तेदारों को बुलाकर कसारी मसारी कब्रिस्तान में दोनों शवों को दफन करवा दिया।
झांसी में हुआ था एनकाउंटर
बता दें कि 13 अप्रैल को झांसी में यूपी STF के साथ मुठभेड़ में अतीक अहमद (Atiq Ahmed) के बेटे असद और उमेश पाल हत्याकांड(Umesh Pal Murder Case) में नामजद अन्य आरोपी गुलाम की गोली लगने से मौत हो गई थी। यह घटना उस समय हुई जब अतीक और उसके भाई अशरफ की प्रयागराज की सीजेएम अदालत में पेशी हो रही थी।