Aurangzeb’s tomb Row: महाराष्ट्र में मुगल शासक औरंगजेब के मकबरे को लेकर सियासत जारी है। एकतरफ जहां महायुति के नेता मकबरे तोड़ने की बात कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ विपक्ष इसके बचाव में नजर आ रहा है। इसी कड़ी में शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने औरंगजेब के मकबरे को वीरता का प्रतीक बताते हुए कहा है कि इसे कभी नहीं तोड़ा जाना चाहिए।
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औरंगजेब के मकबरे को लेकर संजय राउत ने सोमवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा, “यह (औरंगजेब की कब्र) शौर्य का प्रतीक है और शौर्य का प्रतीक कभी नहीं टूटना चाहिए। यह हमारा रुख है। छत्रपति शिवाजी महाराज और मराठों ने औरंगजेब के खिलाफ महान युद्ध लड़ा…उनकी कब्र, अफजल खान और औरंगजेब की कब्रों की तरह, भविष्य की पीढ़ियों के लिए इतिहास की याद दिलाती है। यदि कोई इतिहास को समझने को तैयार नहीं है, तो वह स्वयं इतिहास का दुश्मन है।”
दूसरी तरफ, शिवसेना (शिंदे गुट ) विधायक अर्जुन खोतकर ने कहा, “बिल्कुल, इसे (औरंगजेब के मकबरे) क्यों नहीं हटाया जाना चाहिए? छत्रपति शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज को प्रताड़ित करने वाले औरंगजेब ने संभाजी महाराज की आंखें फोड़ दी थीं और नाखून उखाड़ दिए थे। औरंगजेब की कब्र रखकर हम क्या साबित करना चाह रहे हैं? मांग पूरी तरह जायज है और इसे हटाया जाना चाहिए।”
औरंगजेब के मकबरे की बढ़ाई गयी सुरक्षा
पिछले दिनों सपा नेता अबू आजमी ने औरंगजेब के शासनकाल को बेहतर शासनकाल बताया था। जिसके बाद सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है। अब यह विवाद इतना बढ़ गया है कि छत्रपति संभाजीनगर शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर खुलताबाद में स्थित औरंगजेब के मकबरे पर ही खतरा मंडराने लगा है। कई हिन्दूवादी संगठन बाबरी मस्जिद की तरह औरंगजेब के मकबरे को ढहाने की धमकी दे रहे हैं। ऐसे में पुलिस अलर्ट पर है। पुलिस ने सुरक्षा के मद्देनजर औरंगजेब के मकबरे के लिए सीधी एंट्री पर रोक लगा दी गई है। मकबरे के ठीक बाहर स्टेट रिजर्व पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है।
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खुलताबाद के पुलिस इंस्पेक्टर धनंजय फराटे का कहना है कि गाड़ियों की आवाजाही पर कोई रोक नहीं है। लेकिन मकबरे की ओर जाने वाली गाड़ियों पर नज़र रखने के लिए बैरिकेड्स लगाए गए हैं। इससे ट्रैफिक धीमा हो जाता है और निगरानी आसान हो जाती है। एसआरपीएफ का एक दस्ता चौबीस घंटे निगरानी कर रहा है। छह पुलिसकर्मी लगातार मकबरे की सुरक्षा में तैनात हैं।