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‘अवधेश प्रसाद दलित हैं, इसलिए उन्हें राम मंदिर ध्वजारोहण समारोह में नहीं बुलाया होगा…’ कांग्रेस सांसद इमरान मसूद का दावा

By Abhimanyu 
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Ayodhya Dhwajarohan Celebration: आज अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मंदिर शिखर पर धर्म ध्वजारोहण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत ने पारंपरिक ध्वजारोहण किया। इस बीच, कार्यक्रम में स्थानीय सांसद अवधेश प्रसाद का निमंत्रण न मिलने पर सियासत गरमाने लगी है। वहीं, कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने आरोप लगाया कि अवधेश प्रसाद दलित हैं, इसलिए उन्हें राम मंदिर ध्वजारोहण समारोह में नहीं बुलाया गया होगा।

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फैजाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद को श्री राम जन्मभूमि मंदिर के ध्वजारोहण समारोह का निमंत्रण नहीं मिलने पर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि अवधेश प्रसाद को राम मंदिर के ध्वजारोहण समारोह में इसलिए नहीं बुलाया गया क्योंकि वह दलित हैं। पीटीआई से उन्होंने कहा, “दलित हैं वो इसलिए आमंत्रण नहीं दिया होगा। ये तो बड़ी दुर्भाग्य की बात है कि प्रधानमंत्री आ रहे हैं और लोकल सांसद को निमंत्रण न दिया जाए। इससे दुखदायी कुछ नहीं हो सकता। और अगर प्रधानमंत्री की हैसियत से प्रधानमंत्री आ रहे हैं तो सबसे पहला हक वहां के सांसद का है, लेकिन वह दलित हैं, इसलिए उन्हें बुलाया नहीं।”

इससे पहले, सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने बताया कि अयोध्या उनकी जन्मभूमि और संसदीय क्षेत्र है। उन्होंने आरोप लगाया कि राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा स्थानीय लोगों की उपेक्षा की जा रही है और बाहरी लोगों को ज्यादा महत्व दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं यहीं पैदा हुआ हूं और यहीं साकेत महाविद्यालय में पढ़ा हूं। मेरा प्रभु श्री राम से गहरा लगाव है। 25 तारीख को कार्यक्रम होना है, लेकिन मेरे पास कार्ड या पास नहीं आया जबकि यह मेरा संसदीय क्षेत्र है। सपा सांसद का दावा है कि जिलाधिकारी ने उन्हें बताया कि ये तो जिम्मेदारी ट्रस्ट की है। ट्रस्ट वाले जिसको चाह रहे हैं उनको दे रहे हैं।

अवधेश प्रसाद ने आरोप लगाया कि ट्रस्ट जानबूझकर उन्हें ‘इग्नोर’ कर रहा है और उन्होंने सुना है कि बाहरी लोगों को ज्यादा है और जो यहां के लोग हैं उनको मौका नहीं है। अगर उन्हें बुलाया जाता है, तो वह निश्चित तौर पर नंगे पैर स्नान करके और पवित्र वस्त्र पहनकर दर्शन के लिए जाएंगे। भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि प्रभु श्री राम जन-जन के हैं, गरीब के हैं, कमजोर के हैं, दलित के हैं, सबके हैं। प्रभु श्री राम के राज में कभी भेदभाव नहीं था। लेकिन ये (भाजपा) सोचते हैं कि राम हमारे ही हैं, राम को दरअसल करने के हम ही हकदार हैं। ये सोच भाजपा की है।

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