अयोध्या। राम मंदिर परिसर (Ram temple complex) को दीपोत्सव के लिए सात जोन में बांटा गया है। प्रत्येक जाेन में सौ- सौ की कतार या विशेष आकृति का स्केच तैयार कर दीप सज्जित किए जाएंगे। यहां दीपोत्सव के अगले दिन दीपावली पर भी विशेष दीप प्रज्वलित किए जाएंगे। दीपोत्सव (Deepotsav) के दिन बुधवार को 51 हजार दीप बिछाये जाएंगे। सायं छह बजे से दीप जलना प्रारंभ हो जाएगा। ये दीप तीन घंटे तक अनवरत जलते रहेंगे। तीन सौ स्वयंसेवक बुधवार को ही रंगोली सजाएंगे। इसके लिए सभी स्वयंसेवक दोपहर एक बजे तक मंदिर में प्रवेश कर जाएंगे।
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यात्री सुविधा केंद्र, कीर्तन मंडप, यज्ञशाला, दान काउंटर के सामने, कुबेर टीला व गेट नंबर 11 के सामने स्थित पुराने पीएसी आवास के सामने जोनों के केंद्र हैं। स्वयंसेवकों को दीप व इससे जुड़ी सामग्री दीपक, बत्ती, तेल-डिब्बा, माचिस, मोमबत्ती यहीं से वितरित की जाएगी। इसके बाद आवंटित क्षेत्र में स्वयंसेवक चार बजे से दीप सजाने की जगहों पर स्केच तैयार करना प्रारंभ करेंगे। यह भी तय किया जाएगा कि कहां मोम के दीपक रखे जाएंगे, कहां घी के दीप।
गर्भगृह में शीशे से कवर्ड दो सौ दीप प्रज्वलित किए जाएंगे। राम मंदिर के सभी मंडपों में फूलों की चित्ताकर्षक रंगोली बनाई जाएगी। मंदिर में एक दीपावली कंट्रोल रूम बनाया गया है। इसमें आशु शुक्ल, नरेंद्र, डा. चंद्रगोपाल पांडेय, इंद्रप्रकाश तिवारी, केके तिवारी, सूर्यप्रताप, शैलेंद्र शुक्ल को तैनात किया गया है। इन सबको समन्वय बनाकर प्रत्येक जोन में सुरक्षित व उल्लासपूर्ण दीपोत्सव की व्यवस्था कराना होगा।
ट्रस्टी डॉ. अनिल कुमार मिश्र ने बताया कि दीपोत्सव पूरे उल्लास से मनाया जा रहा है। इसमें सावधानी बरतने का आग्रह किया गया है। सभी टीमों को सावधानी के बारे में भी बता दिया गया है। विद्युत सुरक्षा सजावट में बिजली के तार खुले न रखने व प्रत्येक दशा में लूज पाइप या टेपिंग करके रखने को कहा गया है। ऐसी ही अन्य सावधानी बरतने का भी आग्रह किया गया है।
यहां तैनात किए गए स्वयंसेवकों को विशेष थैला दिया जाएगा। इसमें वेस्ट मैटीरियल रखना होगा। ट्रस्ट ने यह निर्देश भी दिया है। सबको मोबाइल व अन्य सामग्री लाकर में रखना होगा। साथ ही चमड़े की बेल्ट अथवा चमड़े का सामान ले जाने पर प्रतिबंध है।